Hyderabad Book Market: हैदराबाद के एबीड्स और कोटी बुक मार्केट संकट में, ऑनलाइन खरीदारी बनी समस्या

Last Updated:
Hyderabad Book Market: हैदराबाद का एबीड्स और कोटी बुक मार्केट भारत का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है, लेकिन ऑनलाइन खरीदारी के कारण संकट में है. स्थानीय लोगों पर निर्भर है कि वे इन दुकानों को बचाएं.
हाइलाइट्स
- एबीड्स और कोटी बुक मार्केट संकट में हैं.
- ऑनलाइन खरीदारी से छोटी दुकानों को नुकसान हो रहा है.
- स्थानीय लोगों पर निर्भर है कि वे इन दुकानों को बचाएं.
Hyderabad Book Market: शहर में कई बाजार हैं लेकिन किताबों के बाजार में हैदराबाद का एबीड्स और कोटी बुक मार्केट सबसे बड़ा है और भारत का दूसरा सबसे बड़ा मार्केट है. लेकिन अब ये मार्केट धीरे-धीरे संकट में है और वजह है ऑनलाइन किताबों की खरीदारी. इससे किताबों की छोटी दुकानें मुश्किल में हैं. लंबे समय से संडे बुक मार्केट, अबिड्स और कोटी की दुकानें शहर का अहम हिस्सा रही हैं. लेकिन अब ऑनलाइन स्टोर के कारण उनका खुले रहना मुश्किल हो गया है.
ऑनलाइन खरीदारी है समस्या कोटी बुक मार्केट के दुकानदारों का कहना है कि ये ऑनलाइन स्टोर बहुत सस्ते दामों पर किताबें बेचते हैं. कभी-कभी किताबों के दाम इतने सस्ते हो जाते हैं कि लोग दुकान में घंटों किताबें देखने के बाद भी ऑनलाइन सस्ती किताबें ऑर्डर कर देते हैं. छोटी दुकानें इससे मुकाबला नहीं कर सकतीं.
संडे बुक मार्केट पूरे शहर में प्रसिद्ध
यहां सिर्फ किताबें नहीं बल्कि एक अनुभव है संडे बुक मार्केट पूरे शहर में प्रसिद्ध है. लोग संडे का इंतजार करते हैं और अपनी पसंदीदा किताबों की खोज करते हैं. यहां तेलुगु की पुरानी किताबें भी मिल जाती हैं जो ऑनलाइन वेबसाइट पर नहीं मिलतीं. यह मार्केट पुरानी छपी किताबों को सुरक्षित रखता है और स्थानीय लेखकों की किताबें भी यहां मिल जाती हैं, जिन्हें ऑनलाइन अनदेखा कर दिया जाता है.
इन दुकानों का भविष्य हैदराबाद के लोगों के हाथ में है हैदराबाद के लोगों पर निर्भर करता है कि किताब की दुकानों का भविष्य क्या होगा. कुछ ग्राहक जानते हैं कि ऑनलाइन शॉपिंग करना आसान है, लेकिन उन्हें इन खास जगहों को खोने की चिंता है. स्थानीय लोगों का कहना है कि हम भी कभी-कभी ऑनलाइन खरीदारी कर लेते हैं, लेकिन स्थानीय पुस्तक विक्रेताओं के पास ऐसी अद्भुत किताबें मिल जाती हैं जो वेबसाइटें नहीं दिखातीं. इन दुकानों को खोना केवल स्टोर को खोने जैसा नहीं होगा, बल्कि यह हैदराबाद के दिल के एक हिस्से को खोने जैसा होगा.
यह भी पढ़ें:
जेब हो सकती है खाली…! बिना टिकट पकड़े गए रेलवे स्टेशन पर तो भरना पड़ेगा जुर्माना, जानें कितना