Published On: Thu, May 23rd, 2024

Huge Fall In The Prices Of Himachal Gucchi Due To China Gucchi – Amar Ujala Hindi News Live


Huge fall in the prices of Himachal Gucchi due to China Gucchi

डिजाइन फोटो।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

विस्तार


प्राकृतिक तौर पर उगने वाली गुच्छी पर चीन में हो रही गुच्छी की खेती भारी पड़ने लगी है। पड़ोसी देश चीन पिछले चार-पांच वर्षों से गुच्छी की खेती कर रहा है। तब से हिमाचल में गुच्छी के दामों में भारी गिरावट आई है। इन पांच सालों में गुच्छी के दाम आधे से भी कम हो गए हैं। इन दिनों जिला कुल्लू में गुच्छी 4,500 से 5,000 रुपये प्रति किलो बिक रही है। 2020 से पहले 10,000 से लेकर 13,000 रुपये प्रति किलो गुच्छी बिक जाती थी। गुच्छी का इस साल जिला कुल्लू में बंपर उत्पादन हुआ है।

‘जंगलों में रही गुच्छी की भरमार’

जंगलों में तलाश करने वाले लोगों ने किलो के हिसाब से गुच्छी एकत्रित की है। मगर हाई प्रोफाइल लोगों की थाली की शान रही गुच्छी के दामों ने लोगों को निराश कर दिया है। गुच्छी की तलाश करने वाले अनीता ठाकुर, मान सिंह, केहर सिंह, किशोरी लाल, उगम राम और निक्का राम ने कहा कि इस बार जंगलों में गुच्छी की भरमार रही है।

‘रेट नहीं मिल रहा सही’

कुछेक लोगों को एक ही जगह पर एक किलो तक गुच्छी मिली है। उन्होंने कहा कि जिस मेहनत से जंगलों में गुच्छी को ढूंढा, इसके मुताबिक रेट नहीं मिल रहा है। सैंज और बंजार मेले में सबसे अधिक गुच्छी का कारोबार होता है, मगर वहां भी इस बार रेट 5000 रुपये से ज्यादा नहीं मिल पाया।

‘गुच्छी का कारोबार पूरी तरह चौपट’

35 साल से गुच्छी का कारोबार कर रहे रघुपुर क्षेत्र के फनौटी गांव के बीर सिंह ठाकुर ने कहा कि चीन द्वारा पॉलीहाउस में तैयार की जा रही गुच्छी से रेट साल दर साल गिर रहे हैं। पांच-छह सालों से गुच्छी का भाव परचून से लेकर थोक में लगातार कम हो रहा है। बंजार के टील निवासी गुच्छी व्यापारी बेली राम कहते हैं कि चीन की गुच्छी से पूरा कारोबार चौपट हो रहा है। उचित रेट नहीं मिलने से लोग बेचने के बजाय खुद सब्जी बनाकर परिवार को खिलाने की बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस बार जिस हिसाब से गुच्छी मिली है उस हिसाब से लोग बेचने को नहीं ला रहे हैं। बंजार मेले में अभी तक करीब 12 से 13 क्विंटल ही गुच्छी की खरीद फरोख्त हुई है।

बता दें कि जिला कुल्लू के साथ मंडी, सिरमौर, चंबा, शिमला और किन्नौर जिला में गुच्छी मिलती है। कई लोग गुच्छी की तलाश कर ही अपनी आर्थिकी को मजबूत करते हैं। कुल्लू में निरमंड से लेकर मनाली तक लोगों ने भारी मात्रा में गुच्छी एकत्रित की है। मगर रेट नहीं मिलने से लोगों में मायूसी है।

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