Hp High Court Government Cannot Refuse Admission To Children Below 6 Years Of Age In First Class – Amar Ujala Hindi News Live
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा है कि राज्य सरकार बिना तैयारी के छह वर्ष से कम आयु के बच्चों को पहली कक्षा में दाखिला देने से इन्कार नहीं कर सकती है। मुख्य न्यायाधीश राजीव शकधर और न्यायाधीश सत्येन वैद्य की खंडपीठ ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने के मामले में यह फैसला सुनाया।
खंडपीठ ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से 31 मार्च 2021 को जारी सूचना के तहत दिए सुझावों को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाए। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि सरकार के लिए राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को एक विशेष तरीके से लागू करने का कोई वैधानिक आदेश नहीं है। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय शिक्षा नीति के बड़े लक्ष्यों को प्राप्त करना है। कल्याणकारी राज्य होने के नाते सरकार कानून के दायरे में रहते हुए अपने नागरिकों के विविध हितों की देखभाल करने के लिए बाध्य है। कोर्ट ने कहा कि किसी भी स्थिति में याचिकाकर्ता छात्रों को यूकेजी कक्षा दोहराने के लिए मजबूर करने से शिक्षा नीति का उद्देश्य पूरा नहीं होगा।
बालवाटिका एक, बालवाटिका दो और बालवाटिका तीन के लिए पाठ्यक्रम अभी तक तैयार और प्रभावी नहीं किया गया है। प्रदेश सरकार ने प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा के उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए कोई प्रशिक्षित शिक्षक भी नियुक्त नहीं किया है। कोर्ट ने मामलों का निपटारा करते हुए कहा कि जो बच्चे 6 वर्ष से कम आयु के हैं और पहले ही प्री-स्कूल शैक्षिक पाठ्यक्रम पूरा कर चुके हैं, उन्हें आनन फानन में पहली कक्षा में दाखिले से वंचित नहीं किया जा सकता।