Hp Assembly Monsoon Session Tussle Between Revenue Minister And The Leader Of The Opposition In The House – Amar Ujala Hindi News Live
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![हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र: सदन में राजस्व मंत्री और नेता प्रतिपक्ष के बीच नोकझोंक, सीट से उठने पर बढ़ा विवाद HP Assembly Monsoon Session tussle between Revenue Minister and the Leader of the Opposition in the House](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/09/05/shamal-ma-vathhanasabha-satara-ka-vakaaauta-kara-narabja-karata-vapakashha-ka-nata-jayarama-thakara-va-bhajapa-vathhayaka_54c534ae463d9eba02915c43c497fdc1.jpeg?w=414&dpr=1.0)
शिमला में विधानसभा सत्र का वाकआउट कर नारेबाजी करते विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर व भाजपा विधायक।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
विस्तार
विधानसभा में वीरवार को दोपहर बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नोकझोंक हुई। मुख्यमंत्री की ओर से नियम 102 के तहत सिक्किम, उत्तराखंड और असम की तरह हिमाचल को भी शतप्रतिशत राहत राशि देने को लेकर संकल्प प्रस्ताव लाया गया। इस पर भाजपा विधायक रणधीर शर्मा की ओर से अपनी बात खत्म करने के बाद राजस्व मंत्री स्पष्टीकरण देने के लिए खड़े हुए। मामले ने उस समय तूल पकड़ा, जब नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर सीट पर खड़े होकर कुछ बोलने लगे। इस पर दोनों के बीच तीखी नोकझोंक हुई और इसी बीच नारेबाजी करते हुए गुस्साए विपक्ष ने सदन से वाकआउट कर दिया। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस पर निंदा प्रस्ताव लाया। विधानसभा अध्यक्ष ने इसे स्वीकार किया।
विपक्ष के बाहर जाने के बाद राजस्व मंत्री ने कहा कि बिना अनुमति नेता प्रतिपक्ष खड़े हो जाते है। मैं विधायक रणधीर शर्मा की ओर से लगाए गए आरोपों को लेकर स्थिति स्पष्ट करना चाह रहा था। लेकिन नेता प्रतिपक्ष बिना अनुमति से खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि बीते साल आपदा से 24,000 मकान, गोशालाएं, दुकानें क्षतिग्रस्त हुई है। वहीं, मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि जब भी कोई विधायक बोलने के लिए खड़े होते हैं, उनसे पहले नेता प्रतिपक्ष और रणधीर शर्मा खड़े हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ये आपदा पर प्रस्ताव नहीं है। केंद्र से राहत राशि जारी करने को लेकर प्रस्ताव भेजा जाना है। सरकार ने अपने स्तर पर प्रभावितों को राहत राशि दी है।
उन्होंने कहा कि ये विचित्र स्थिति है कि नेता प्रतिपक्ष को गुस्सा आ जाता है। मंत्री जगत सिंह नेगी तो शुरू से ही जोर से बोलते हैं। ऐसे में जयराम के टेबल पर भी पानी का गिलास रखना चाहिए, जैसे मेरे टेबल पर रखा जाता है। वहीं, संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि जो संकल्प लाया गया है, उसमें राजनीति वाला का कोई विषय नहीं है। यह हिमाचल के हितों की लड़ाई है। इसमें सबको एकजुट होना चाहिए था। लेकिन विपक्ष बाहर चला गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष की योजना पहले से ही इस प्रस्ताव को टालने की थी। वह चाहते थे कि चर्चा न हो। उन्होंने कहा जयराम मुख्यमंत्री रहते हुए भी हिमाचल के हितों की लड़ाई लड़ने में विफल रहे है।