Himachal Weather Tabo Temperature Reached Minus 9.4 Degrees Sissu Lake Froze Gramphoo To Kaza Road Closed – Amar Ujala Hindi News Live


अटल टनल रोहतांग के नार्थ पोर्टल के समीप सिस्सू झील तापमान में आ रही लगातार गिरावट के चलते जमना शुरू
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति के ताबो में सोमवार रात इस सीजन की सबसे ठंडी रात रिकॉर्ड हुई। ताबो में न्यूनतम तापमान माइनस 9.4 डिग्री सेल्सियस रहा। इसके अलावा कुकुमसेरी में माइनस 3.2, केलांग में माइनस 2.3, समदो में माइनस 1.3 और कल्पा में 0.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ। तापमान गिरने से सिस्सू झील जमना शुरू हो गई है। झील पर बर्फ की परत जम गई है।
ग्रांफू से काजा मार्ग पर मंगलवार को पर्यटकों के वाहनों आवाजाही पूरी तरह से बंद रही। कई वाहनों को पुलिस ने वापस भेजा। मैदानी जिलों में घना कोहरा छाए रहने का सिलसिला मंगलवार को भी जारी रहा। 23 नवंबर तक सुबह-शाम के लिए कोहरा पड़ने का येलो अलर्ट जारी हुआ है। मंगलवार को राजधानी शिमला सहित अधिकांश क्षेत्रों में धूप खिली। ऊना में सबसे ज्यादा 26.2 डिग्री पारा रिकॉर्ड हुआ। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने 22 से 24 नवंबर तक जिला लाहौल-स्पीति, चंबा और कांगड़ा के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में बारिश और बर्फबारी की संभावना जताई है। राज्य के अन्य क्षेत्रों में मौसम शुष्क बना रहने का पूर्वानुमान है।
20 से 23 नवंबर तक प्रदेश के मैदानी जिलों ऊना, बिलासपुर, हमीरपुर और कांगड़ा के कई क्षेत्रों में सुबह और शाम के समय घना कोहरा छाए रहने का येलो अलर्ट भी जारी हुआ है। मंगलवार को भुंतर के लिए देहरादून और जयपुर से उड़ानें हुई हैं। जिला चंबा में सुबह और शाम के समय ठंड बढ़ गई है। रात के समय कुछ जगह कोहरा भी पड़ रहा है। प्रदेश में बारिश न होने से शुष्क ठंड के चलते लोग वायरल जैसी बीमारियों की चपेट में भी आ रहे हैं। कई किसान गेहूं की बिजाई के लिए बारिश का भी इंतजार कर रहे हैं। सूखे जैसे हालात में कुछ किसानों ने बिजाई भी शुरू कर दी है। राजधानी शिमला में दिन के समय मौसम साफ रहा। शाम पांच बजे के बाद मौसम में ठंडक बढ़ गई। उधर, जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण किन्नौर ने बर्फबारी को लेकर लोगों को सचेत रहने को कहा है। सैलानियों सहित स्थानीय लोगों को सूचित किया गया है कि वे अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में ट्रेकिंग न करें और अपने घरों में सुरक्षित स्थानों पर रहें। किसी प्रकार का जोखिम न उठाएं, ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में जाने से परहेज करें, जिससे सुरक्षित रह सकें।