himachal weather orange alert for heavy rain in himachal threat of flood in seven districts

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मौसम विभाग ने हिमाचल प्रदेश के सात जिलों कांगड़ा, सिरमौर, चंबा, शिमला, कुल्लू, किन्नौर और मंडी के अलग-अलग हिस्सों में अगले 24 घंटों के दौरान जोरदार बाढ़ का खतरा होने की चेतावनी दी है। इस बीच अधिकारियों ने बताया कि 27 जून से छह अगस्त के दौरान भारी बारिश के कारण हुई घटनाओं में 93 लोगों की मौत हो गई है जबकि राज्य को 748 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
IMD ने बुधवार शाम तक अगले 24 घंटों के लिए बिलासपुर, चंबा, हमीरपुर, कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, शिमला, सिरमौर, सोलन और ऊना के 10 जिलों में बहुत भारी बारिश का ‘ऑरेंज’ अलर्ट जारी किया है। मौसम विभाग ने कहा है कि मानसून की गतिविधियां तेज होने की संभावना है। अगले 5 से छह दिनों तक जारी रहेंगी, जिससे पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर बारिश होगी।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र ने मंगलवार शाम को बताया कि लगातार हुई भारी बारिश के कारण आई बाढ़ और भूस्खलन के कारण पहाड़ी राज्य के विभिन्न हिस्सों में 53 सड़कें बंद हो गई हैं। 31 जुलाई की रात को कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाणा, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपमंडल में बादल फटने से आई बाढ़ के बाद अब तक 16 शव बरामद किए गए हैं जबकि 40 लोग अब भी लापता हैं।
आपातकालीन प्रतिक्रिया केंद्र ने बताया कि मंगलवार शाम को कुल्लू में 18 सड़कें, मंडी में 16, लाहौल और स्पीति में नौ, कांगड़ा में छह और सिरमौर और किन्नौर में दो-दो सड़कें बंद हो गईं। सोमवार शाम से भरवाईं में सबसे अधिक 66 मिमी बारिश हुई, इसके बाद घाघस में 56.6 मिमी, जोगिंद्र नगर में 53 मिमी, सलापर में 52.6 मिमी, गोहर में 46 मिमी, ऊना में 40.2 मिमी और बिलासपुर में 35.5 मिमी बारिश हुई।
सबसे ज्यादा नुकसान शिमला और कुल्लू जिले की सीमा पर स्थित समेज गांव को हुआ, जहां 30 से ज्यादा लोग लापता बताये जा रहे हैं। मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भूस्खलन और अचानक बाढ़ की आशंका के बारे में भी चेतावनी दी है तथा तेज हवाओं और निचले इलाकों में जलभराव के कारण बागानों, खड़ी फसलों, कमजोर संरचनाओं और कच्चे मकानों को नुकसान पहुंचने की भी आशंका जताई है।