Published On: Mon, Oct 7th, 2024

Himachal: Students From 9th To 12th Class Will Get Financial Literacy, Career Understanding And Life Skills Ed – Amar Ujala Hindi News Live


Himachal: Students from 9th to 12th class will get financial literacy, career understanding and life skills ed

मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ समग्र शिक्षा ने किया एमओयू।
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


शिमला समग्र शिक्षा ने स्कूली शिक्षा की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए प्रदेश के सरकारी स्कूलों के नाैवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को वित्तीय साक्षरता, करियर की समझ, जीवन कौशल की शिक्षा प्रदान करने का फैसला लिया है। इसके लिए समग्र शिक्षा हिमाचल ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ एक करार (एमओयू) किया है। यही नहीं इसके साथ ही छठी से आठवीं कक्षा के बच्चों के लिए होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड लागू किया जाएगा।

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समग्र शिक्षा की ओर से राज्य परियोजना निदेशक राजेश शर्मा  और मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन की ओर से क्षेत्रीय निदेशक प्रत्युष दास ने  एमओयू पर हस्ताक्षर किए। समग्र शिक्षा ने मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ मिलकर हिमाचल में एक नया कार्यक्रम शुरू किया है, जिसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों के नौवीं से 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को रोजगार शिक्षा से जोड़ना और  होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड (एचपीसी) को अपनाना है। इसके तहत छात्रों को रोजगार शिक्षा कार्यक्रम (ईईपी) के जरिये वित्तीय साक्षरता, करियर की समझ और जीवन कौशल पर शिक्षा दी जाएगी।

इसके अलावा छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों के लिए होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड का इस्तेमाल कर विद्यार्थियों की प्रोग्रेस का आकलन कई क्षेत्रों में किया जाएगा और  इससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित होगा। इस एमओयू के बाद स्कूल के शिक्षकों और मास्टर ट्रेनरों की क्षमता को बढ़ाया जाएगा ताकि वे विद्यार्थियों का कौशल आधारित मूल्यांकन कर सकें। मूल्यांकन के मापदंड तैयार कर सकें और नौकरी के लिए आवश्यक शिक्षा के मॉड्यूल्स को प्रभावी ढंग से लागू कर सकें। समग्र शिक्षा और मैजिक बस संस्था, जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) और राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के साथ मिलकर यह काम करेंगे। 

मैजिक बस इंडिया फाउंडेशन के साथ इस करार के बाद शिक्षकों को ज़रूरी संसाधन और सहयोग मिलेगा, जिससे वे छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण देकर उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार कर सकेंगे। यह पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क (एनसीएफ) 2023 के लक्ष्यों के अनुरूप है, जो शैक्षणिक और व्यावसायिक रूप से सक्षम युवाओं को तैयार करने पर बल देती है।

 

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