Himachal Pradesh records 1033 forest fires since onset of summer HC takes suo moto cognisance
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हिमाचल प्रदेश में इस साल गर्मी की शुरुआत से लेकर अब तक जंगल में आग लगने की 1,033 घटनाएं दर्ज की गई हैं। इस दौरान पिछले 44 दिनों में अब तक 9,500 हेक्टेयर से अधिक भूमि जल चुकी है। जिसके बाद हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने आग लगने की इन घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया है। इस बारे में वन विभाग ने उच्च न्यायालय को एक एक्शन टेकन रिपोर्ट सौंपी है। अब न्यायालय ने विभाग को जंगल में आग की रोकथाम करने के लिए और कोशिशें करने का निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई 25 जून के लिए तय की है।
जंगलों में लगी आग के बारे में बात करते हुए राज्य के वन प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त प्रधान संरक्षक पीके राणा ने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में इस साल अब तक आग लगने की 1033 घटनाएं सामने आई हैं। हम आग की अधिकांश घटनाओं पर काबू पा चुके हैं। हालांकि राज्य के लगभग 25 वन क्षेत्र अभी भी जंगल की आग की चपेट में हैं और संबंधित अधिकारी आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।’
राणा ने आगे कहा, ‘हिमाचल प्रदेश में आमतौर पर जंगलों में आग 15 अप्रैल से 30 जून तक लगती है, लेकिन मौसम और जलवायु में बदलाव के कारण हमने आग के मौसम से पहले ही आग बुझाने के उपाय कर लिए थे। जिसके चलते हम 8000 हेक्टेयर वन क्षेत्र में आग पर काबू पाने में सफल रहे हैं और आग के मौसम के लिए तैयार रहने के वास्ते हमने 1000 किलोमीटर के अन्य क्षेत्र में भी काम किया है।’
अधिकारी ने कहा, ‘हम लोगों को वनों में लगी आग के बारे में जागरूक करने के लिए पहले ही 900 जनसभाएं कर चुके हैं।’ आगे राणाा ने बताया, ‘अब तक 9,500 हेक्टेयर जंगल जल चुका है, हम लोगों की भागीदारी बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे पास संयुक्त वन प्रबंधन समितियां और महिला मंडल हैं, जो हमारी मदद और हमारा समर्थन कर रही हैं। मैं अधिक से अधिक लोगों से जंगल की आग को नियंत्रित करने के हमारे प्रयासों में शामिल होने की अपील करूंगा।’
आगे उन्होंने जंगल में जानबूझकर आग लगाने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में बताते हुए कहा, राज्य पुलिस के पास करीब 600 मामले और शिकायतें दर्ज की गई हैं और उनके खिलाफ अभियान भी शुरू किया गया है। उन्होंने बताया, ‘600 शिकायतों में से हमने 38 FIR दर्ज की हैं और पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ने भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। मैं लोगों से अपील करूंगा कि वे अपराधियों की तस्वीरें और वीडियो साझा करें। मैं स्थानीय लोगों और पर्यटकों से अनुरोध करूंगा कि वे जंगलों का आनंद लें लेकिन उन्हें जंगल की आग से बचाएं।’
अधिकारी ने साथ ही यह भी बताया कि हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने राज्य में जंगल में आग लगने की घटनाओं का स्वत: संज्ञान लिया है। इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, ‘हमें मंगलवार को जंगल में आग लगने के संबंध में उच्च न्यायालय से एक संदेश मिला, जिसके बाद हमने एक कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की। बुधवार को माननीय मुख्य न्यायाधीश और वरिष्ठ न्यायाधीशों ने विभाग को प्रयास बढ़ाने के निर्देश दिए हैं और हम अन्य विभागों के साथ समन्वय करके राज्य में वन-आग की रोकथाम में अपने प्रयासों को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।’