Published On: Wed, Nov 27th, 2024

Himachal Pradesh High Court Orders Dc Kinnaur Should Protect The Rights Of The People Of Pawari Village – Amar Ujala Hindi News Live – Hp High Court:हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश


Himachal Pradesh High Court orders DC Kinnaur should protect the rights of the people of Pawari village

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क

विस्तार


हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने डीसी किन्नौर को शौंगटोंग परियोजना प्रभावित पवारी गांव के लोगों के अधिकारों का संरक्षण करने के आदेश दिए हैं। न्यायाधीश संदीप शर्मा की अदालत ने कंपनी की ओर से दायर अर्जी में अपने पिछले आदेशों में संशोधन किया है। अदालत ने साथ ही कंपनी प्रतिवादी नंबर छह को अतिरिक्त भूमि पर निर्माण, डंपिंग और अन्य गतिविधियां करने की अनुमति दे दी। अदालत ने इससे पहले इस भूमि पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था।

कंपनी की ओर से पिछले आदेश में संशोधन के लिए अर्जी दायर की गई थी, जिसके तहत निर्देश जारी किया गया था कि जब तक भारत सरकार की ओर से पोवारी में शामिल वन भूमि के विकल्प के संबंध में अनुमति नहीं दी जाती है, तब तक इस पर किसी भी तरह का निर्माण और डंपिंग गतिविधियां नहीं होंगी। अदालत को कंपनी की ओर से बताया गया कि सहायक वन महानिरीक्षक की ओर से 29 जुलाई को जारी आदेश के तहत अंतिम मंजूरी मिल गई है। वन सरंक्षण अधिनियम 1980 की धारा 2 के तहत वन भूमि को गैर वनभूमि के लिए प्रयोग किया जा सकता है। भारत सरकार से भी इसके लिए अंतिम मंजूरी मिल गई है। मंजूरी मिलने के बाद अब कोर्ट के पिछले आदेशों में संशोधन किया जाए, जिससे विद्युत परियोजना के निर्माण में देरी न हो।

याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने अदालत को बताया कि बेशक भारत सरकार की ओर से अनुमति दे दी गई है, लेकिन उसमें कहा गया है कि जब तक परियोजना प्रस्तावक पूर्ण आदेश में निहित शर्तों का अनुपालन नहीं किया जाता, तब तक उसे भूमि का उपयोग करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। उन्होंने अदालत को भारत सरकार की ओर से मंजूरी में निहित शर्त 30 का हवाला दिया। इसके तहत अनुसूचित जनजाति और वन अधिकार अधिनियम 2006 के तहत ग्रामिणों के अधिकारों को सुरक्षित रखा जाता है। मंजूरी के लिए संबधिंत ग्राम पंचायत से एनओसी लेना पड़ता है। न्यायाधीश ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद 19 जून के आदेशों को संशोधित किया। कोर्ट ने इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करने काे कहा कि भारत सरकार की ओर से पारित आदेशों में निहित शर्तों का अनुपालन किया जाए। अदालत ने सरकार और अन्य को दो हफ्ते के भीतर आदेशों की अनुपालना पर जवाब दायर करने के आदेश दिए हैं।

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