Himachal Politics: Political Path Is Not Easy For The Candidates Who Lost The Byelections – Amar Ujala Hindi News Live


राजेंद्र राणा, चैतन्य शर्मा, देवेंद्र भुट्टो, रवि ठाकुर।
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आगे कुआं पीछे खाई, जाएं तो जाए कहां, घर के रहे न घाट के… आम बोल-चाल में अकसर इस्तेमाल होने वाली ये कहावतें इन दिनों हिमाचल में थम चुके चुनावी रण पर भी सटीक बैठ रही हैं। उपचुनाव के नतीजों ने इन्हें चर्चाओं में ला दिया है। चार सीटों पर भाजपा प्रत्याशियों की हार को इन कहावतों से जोड़ कर कई तरह के सियासी मायने भी तलाशे जा रहे हैं। अगले चुनाव तक सब भविष्य के गर्त में है, लेकिन सियासी गलियारों में जितने मुंह उतनी बातें चल पड़ी हैं। दरअसल, प्रदेश में लोकसभा चुनाव के साथ छह विस सीटों पर हुए उपचुनाव भाजपा और पार्टी के चार प्रत्याशियों के लिए किसी बुरे सपने से कम नहीं रहे।