हिमाचल प्रदेश वन विभाग के तहत वन्यजीव विंग के शिमला वन्यजीव मंडल ने चूड़धार वन्यजीव अभयारण्य में लगाए प्रवेश शुल्क को फिलहाल स्थगित कर दिया है। यह निर्णय विभिन्न धार्मिक संगठनों, स्थानीय निवासियों और जागरूक नागरिकों की आपत्तियों के मद्देनजर लिया गया है।
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वन विभाग की ओर से 2 अप्रैल 2025 को जारी आदेश के तहत अभयारण्य में जाने वाले आगंतुकों से पर्यावरणीय संरक्षण और स्वच्छता व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से शुल्क वसूली का प्रावधान किया गया था। हालांकि, इस कदम से स्थानीय समुदायों और श्रद्धालुओं में असंतोष फैल गया, विशेष रूप से चूड़धार मंदिर की पहुंच को लेकर जो अभयारण्य के भीतर स्थित एक प्रमुख धार्मिक स्थल है।
डिप्टी कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट्स, शिमला वन्यजीव मंडल की ओर से 27 मई 2025 को जारी नवीन आदेश में स्पष्ट किया गया है कि जब तक एक समग्र और पारदर्शी मॉडल तैयार नहीं हो जाता—जिसमें धार्मिक श्रद्धालुओं को छूट देने और अन्य आगंतुकों के लिए न्यायसंगत शुल्क निर्धारण सुनिश्चित किया जाएगा—तब तक पूर्व आदेश को स्थगित रखा जाएगा। यह निर्णय चूड़धार क्षेत्र में धार्मिक भावनाओं, स्थानीय जनभावनाओं और पारिस्थितिकी के संतुलन को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।