Published On: Tue, Oct 29th, 2024

Himachal News Electricity Workers Postponed Blackout Due To Diwali Gave 15-day Ultimatum To The Govt – Amar Ujala Hindi News Live


बिजली बोर्ड के अभियंताओं और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने हिमाचल सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। वहीं, दिवाली के चलते प्रदेश में ब्लैक आउट करने का फैसला टाल दिया है।

Himachal News Electricity workers postponed blackout due to Diwali gave 15-day ultimatum to the govt

शिमला में बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस में कर्मचारी अपनी मागों के समर्थन में धरना देते हुए।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी



विस्तार


बिजली बोर्ड के अभियंताओं और कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा ने दिवाली के चलते प्रदेश में ब्लैक आउट करने का फैसला टाल दिया है। सरकार को मांगें पूरी करने के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम दिया है। सोमवार को बिजली बोर्ड के मंडल, वृत, विंग सहित मुख्यालय कुमार हाउस शिमला में भोजनावकाश के दौरान धरना प्रदर्शन हुआ। मोर्चा के पदाधिकारियों ने कहा कि मानवता के चलते ब्लैक आउट का फैसला टाला गया। मांगें पूरी नहीं हुई तो उग्र आंदोलन किया जाएगा। पद समाप्त करने और छंटनी का फैसला वापस न होने पर टूल और पैन डाउन की चेतावनी भी मोर्चा ने दी है। बोर्ड के विघटन की तैयारी का विरोध करते हुए कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिशें वापस लेने की मांग भी की गई।

बिजली बोर्ड मुख्यालय कुमार हाउस परिसर में संयुक्त मोर्चा के संयोजक लोकेश ठाकुर, महासचिव हीरा लाल वर्मा, पेंशनर फोरम से टीआर गुप्ता और सुनील ग्रोवर ने प्रदर्शन को संबोधित किया। अध्यक्ष लोकेश ठाकुर ने कहा कि दीपावली महोत्सव को देखते हुए आंदोलन कुछ दिन के लिए टाला गया है। सरकार को 15 दिन का और समय दिया गया है। अगर इस बीच सरकार इन मुद्दों का कोई समाधान नहीं करती तो मोर्चा एक बड़े एलान की ओर आगे बढ़ेगा। दिवाली के बाद इसकी रूपरेखा तैयार की जाएगी। महासचिव हीरालाल वर्मा ने कहा कि सरकार के कार्यकाल के लगभग एक वर्ष अस्थायी प्रबंध निदेशक बोर्ड में नियुक्त रहा। कुप्रबंधन से बोर्ड को बहुत नुकसान उठाना पड़ा। जहां कर्मचारियों को पुरानी पेंशन बोर्ड में लागू नहीं की गई वहीं, वित्तीय स्थिति बिगड़ गई। बोर्ड के ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया गया और राष्ट्रीय स्तर पर रैंकिंग 50वें नंबर में पहुंच गई।

संयुक्त मोर्चा ने कहा कि ऐसी संभावना है कि कैबिनेट सब कमेटी सरकार ने कुछ छिपे एजेंडे को लागू करने के लिए गठित की है। कमेटी की सिफारिश पर 51 इंजीनियर के कार्यात्मक पदों के साथ 81 आउटसोर्स ड्राइवर की सेवाएं समाप्त करने जैसे फैसले इस बात को सत्यापित करते हैं। कमेटी के एजेंडे में जहां बोर्ड के विभिन्न श्रेणियों के सैकड़ों पदों के साथ-साथ कार्यालयों को समाप्त करना सम्मिलित है। कमेटी बिजली बोर्ड के ट्रांसमिशन व जनरेशन विंग को इससे अलग करने की दिशा में आगे बढ़ रही है जो हम सबके लिए एक खतरे की घंटी है।

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