राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने शिपकी ला सीमा पर जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि चीन के साथ विवाद हमेशा नहीं रहेगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को बॉर्डर के मसलों को मिल-बैठकर ही सुलझाना होगा। नेगी ने कहा कि इंडो-चाइना ट्रेड और मानसरोवर यात्रा इसका जरिया बन सकता है। उन्होंने कहा कि चीन के साथ दोस्ती का पैगाम शुरू कर सकते हैं। आज का दिन ऐतिहासिक है। आजादी के बाद पहली बार देश के लोगों को यहां आने का मौका मिलेगा। वह यहां की वादियों को निहार सकेंगे।
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उन्होंने कहा कि किन्नौर के बुजुर्ग तिब्बत के साथ व्यापार करने कठिन परिस्थितियों में जाते थे। अब सड़क की सुविधा है। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों का सेना के साथ शुरू से सहयोग रहा है। जब शिपकी-ला के लिए सड़क नहीं थी तो स्थानीय लोग राशन-पानी सेना के लिए पहुंचाने में सहयोग करते थे। 1968 तक यहां के लिए सड़क नहीं थी। तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी व तत्कालीन सीएम डॉ. वाइएस परमार यहां घोड़ों पर और पैदल चलकर यहां पहुंचे थे।
उन्होंने सेना और आईटीबीपी से आग्रह किया कि ज्यादा सख्ती न की जाए, जिससे पर्यटकों को कोई दिक्कत हो। उन्होंने शिपकी ला तक एचआरटीसी बस सेवा शुरू करने की मांग की। यह बस नमज्ञा तक चलती है, इसे शिपकी ला तक भेजा जाए। उन्होंने शिपकी ला में पार्किंग की सुविधा देने की मांग उठाई। मानसरोवर यात्रा पिथौरागढ़ और अरुणाचल से शुरू की गई है। इसे यदि यहां से शुरू किया जाता है तो यह सबसे सरल और नजदीक होगी। उन्होंने शिपकी-ला बार्डर पर हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक का एटीएम स्थापित करने की मांग उठाई।