Published On: Thu, May 29th, 2025

Himachal High Court Said Courts Cannot Help Those Who Sleep On Their Rights – Amar Ujala Hindi News Live – Himachal News:हाईकोर्ट ने कहा


हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय ने कहा है कि अदालतें उन लोगों की मदद नहीं कर सकतीं जो अपने अधिकारों पर सोते रहते हैं। अदालत ने आवेदक की ओर से 145 दिनों के विलंब की माफी के लिए दायर अर्जी को खारिज कर दिया है। इस फैसले के परिणामस्वरूप मुख्य याचिका भी निरस्त कर दी गई।

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न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और न्यायाधीश सुशील कुकरेजा की खंडपीठ ने पाया कि याचिकाकर्ता को आदेश के बारे में पता था। इसके बावजूद समय अवधि के भीतर पुनरीक्षण याचिका दाखिल करने के लिए उचित कदम नहीं उठाए गए। खंडपीठ ने टिप्पणी की कि याचिकाकर्ता ने याचिका दाखिल करने में जानबूझकर लापरवाही बरती है।

न्यायालय ने इस बात पर जोर दिया कि विलंब माफी याचिकाओं से निपटते समय उदार दृष्टिकोण अपनाया जाना जाता है, लेकिन साथ ही आवेदक को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि कोई दुर्भावना या घोर लापरवाही न हो। अदालत ने विलंब माफी के लिए दायर आवेदन को खारिज करते हुए यह फैसला दिया।

हाईकोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने अपने मामले की जांच करने के लिए लगभग चार महीने तक इंतजार किया, जो उसके ‘कॉक एंड बुल स्टोरी’ यानी मनगढ़ंत कहानी को दर्शाता है। कोर्ट ने कहा कि कानून के नियम कठोरता से लागू किए जाने चाहिए। अदालतें उन लोगों की मदद नहीं कर सकतीं जो अपने अधिकारों पर सोते रहते हैं और परिसीमा की अवधि को समाप्त होने देते हैं।

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