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हिमाचल सरकार और वाइल्ड फ्लावर हॉल प्रबंधन के बीच प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी।
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट – फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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हिमाचल प्रदेश सरकार और वाइल्ड फ्लावर हॉल प्रबंधन के बीच प्रस्ताव पर कोई सहमति नहीं बन पाई है। हाईकोर्ट में अब इस मामले को 30 नवंबर को सुनवाई के लिए रखा गया है। अदालत ने पिछली सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों की प्रस्ताव पर सहमति बनती है या नहीं, इस पर 18 नवंबर को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।
अदालत में सरकार की ओर से कहा गया कि होटल प्रबंधन की तरफ से बातचीत के लिए कोई प्रस्ताव नहीं दिया गया। इस पर वाइल्ड फ्लॉवर होटल प्रबंधन ने कहा कि वह जल्द ही सरकार को प्रस्ताव भेज रहे हैं। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की एकल पीठ इस मामले की सुनवाई कर रही है। राजधानी शिमला के नजदीक ऐतिहासिक वाइल्ड फ्लावर हॉल के प्रबंधन से सरकार बातचीत करने के लिए तैयार हो गई थी। महाधिवक्ता अनूप रतन ने हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर ईस्ट इंडिया होटल लिमिटेड यानी ओबरॉय समूह की ओर से कोई प्रस्ताव दिया जाता है तो सरकार के दरवाजे बातचीत के लिए खुले हैं। उन्होंने कहा था कि अगर कोई भी कंपनी प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहती है तो सरकार स्वागत करती है।
प्रदेश सरकार ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को अपने अधीन लेने को लेकर हाईकोर्ट में क्रियान्वयन याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने पहले ही ओबरॉय समूह को मध्यस्थता के आदेशों की पालना करने के आदेश दिए थे। बता दें कि होटल के स्वामित्व की दो दशकों से कानूनी लड़ाई चल रही है। हाईकोर्ट ने वाइल्ड फ्लावर हॉल को सरकार को सौंपने के आदेश दिए थे। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ ओबरॉय ग्रुप सुप्रीम कोर्ट गया था। सुप्रीम कोर्ट से इन्हें कोई राहत नहीं मिली।