Himachal Elections Slogan Of One Vote For Pm And One Cm Was Effective Only In Three Constituencies – Amar Ujala Hindi News Live


पीएम मोदी/सीएम सुक्खू
– फोटो : अमर उजाला नेटवर्क
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एक वोट पीएम, एक सीएम को…इस नारे का असर प्रदेश में लोकसभा चुनाव और विधानसभा उपचुनाव में तीन हलकों में ही दिखा। यह नारा किसने दिया, यह ठीक से किसी को नहीं मालूम, मगर चुनाव में इस तरह की चर्चा रही कि लोग इस थीम पर वोट डालेंगे। प्रदेश में छह विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए। इनमें से हमीरपुर संसदीय क्षेत्र की तीन सीटों गगरेट, कुटलैहड़ और सुजानपुर में कांग्रेस के प्रत्याशी चुनाव जीत गए। दिलचस्प यह रहा कि इन जगहों से भाजपा प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को भी अच्छी लीड मिली है।
मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का गृह संसदीय क्षेत्र हमीरपुर है तो वहां पर एक वोट पीएम को और एक सीएम को नारे का असर नजर आया। इसी संसदीय क्षेत्र के तहत ऊना के गगरेट की बात करें तो वहां पर भाजपा को 10,944 मतों की लीड मिली, जबकि उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राकेश कालिया की 8,487 वोटों से विजय हुई। लोकसभा के लिए कुटलैहड़ से भाजपा को 7,819 वोटों की बढ़त मिली। जबकि विधानसभा उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी विवेक शर्मा की 5,356 मतों के अंतर से जीत हुई। सुजानपुर से भाजपा प्रत्याशी अनुराग को 23,853 मतों की बढ़त मिली। हालांकि, इस संसदीय क्षेत्र के बड़सर और कांगड़ा लोकसभा सीट के धर्मशाला में इस नारे का प्रभाव नहीं नजर आया। वहां पर लोकसभा चुनाव में भाजपा को 16,184 मतों की बढ़त मिली तो कांग्रेस से भाजपा में गए इंद्रदत्त लखनपाल की उपचुनाव में 2,125 मतों से जीत हुई। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र के धर्मशाला में भी भाजपा की लोकसभा चुनाव में 13,251 मतों से जीत हुई और वहां से उपचुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी सुधीर शर्मा की 3,326 मतों के अंतर से जीत हुई।
लाहौल स्पीति से दोनों वोट सीएम को ही पड़े
मंडी संसदीय क्षेत्र के लाहौल स्पीति विधानसभा हलके से दोनों वोट सीएम को यानी कांग्रेस ही पड़े। यहां पर एक वोट पीएम और एक सीएम के नारे का कोई असर नहीं रहा। लाहौल स्पीति से जहां लोकसभा के लिए कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह को 6,876 मतों की लीड मिली, वहीं, यहां से उपचुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी अनुराधा राणा 1,786 मतों से जीतीं। चुनावी विशेषज्ञों के अनुसार यहां पर महिलाओं के लिए 1500-1500 रुपये मासिक देने की गारंटी काम कर गई। यानी पीएम मोदी का जादू नहीं चला।