Himachal Disaster Search Operation Started In Sunni-tattapani 120 Km Away – Amar Ujala Hindi News Live


समेज खड्ड में आई बाढ़ में लापता लोगों के लिए रेस्क्यू कार्य में जुटे एनडीआरएफ और आईटीबीपी के जवान
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
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समेज में बादल फटने से हुए हादसे में 36 लोगों लापता हो गए हैं। वहीं, सतलुज नदी में बहकर आने वाले शवों की तलाश के लिए यहां से करीब 120 किलोमीटर दूर सुन्नी-तत्तापानी में की जा रही है। इसकी वजह यह है कि सतलुज नदी में बादल फटने और बाढ़ आने से जैसी घटना होने पर 90 फीसदी शव कोल डैम साइट में शिमला-मंडी जिले की सीमा पर स्थित दोगरी गांव के आसपास ही मिलते हैं। इसको देखते हुए गुरुवार दोपहर से ही जिला पुलिस और प्रशासन की टीमें यहां डैम और नदी का पानी मिलने वाले क्षेत्र में शवों की तलाश में जुट गए हैं।
यह अभियान एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा की अगुवाई में चलाया जा रहा है। इसमें डीएसपी अमित ठाकुर समेत 30 से अधिक पुलिस के अधिकारी और कर्मचारियों सहित जिला प्रशासन की टीम भी शामिल हैं। गुरुवार को देर शाम तक पुलिस और प्रशासन की टीम यहां शवों की तलाश के सर्च अभियान चलाती रहीं। इस दौरान नदी में बहकर आने वाले लकड़ी के बड़े-बड़े टुकड़ों के कारण अभियान में खासी मशक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सर्च ऑपरेशन के दौरान कई बार वोट इन लकड़ी के टुकड़ों के बीच फंस गई, जिसे निकालने में मशक्कत करनी पड़ी। प्रशासन के मुताबिक डैम और नदी में समेज में बादल फटने के बाद पानी के तेज बहाव के साथ पत्थर और लकड़ी के टुकड़े होने से इंजन से चलने वाली बोट का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है।
पुलिस और प्रशासन की टीम संयुक्त रूप से देर शाम तक अभियान में डटी रही, लेकिन कोई भी शव बरामद नहीं किया जा सकता है। अभियान में स्थानीय लोग भी भरपूर सहयोग दे रहे हैं। वहीं स्थानीय लोगों के मुताबिक किसी भी तरह की बाढ़ और बादल फटने की घटना के शवों को बाहर आने में दो से तीन दिन का समय लग सकता है। एडीसी शिमला अभिषेक वर्मा ने बताया कि कोल डैम साइट पर सर्च ऑपरेशन जारी है। अब पानी का स्तर कम हो रहा है। आने वाले दो से तीन दिनों से सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।