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हमीरपुर के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में मंदिर न्यास कैंटीन में तैयार रोट प्रसाद के दो सैंपल खाद्य सुरक्षा जांच में फेल हो गए हैं।
बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध(फाइल) – फोटो : संवाद
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हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर के प्रसिद्ध सिद्ध पीठ बाबा बालक नाथ मंदिर दियोटसिद्ध में मंदिर न्यास कैंटीन में तैयार रोट प्रसाद के दो सैंपल खाद्य सुरक्षा जांच में फेल हो गए हैं। जांच में पाया गया कि ये रोट खाने लायक नहीं थे। रोट वासी पाए गए हैं, जिनकी स्टोरेज सही ढंग से नहीं की गई थी। वहीं, उपायुक्त ने तत्काल प्रभाव से मंदिर न्यास की ओर संचालित की जा रही कैंटीन को बंद करने के आदेश दे दिए हैं। बता दें कि दो माह पूर्व आंध्र प्रदेश में तिरुपति बालाजी मंदिर में प्रसाद में मिलावट का मामला सामने आया था। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने दियोटसिद्ध में दुकानों और न्यास की कैंटीन से रोट के छह सैंपल लिए थे, जिनमें से दो मानकों पर खरे नहीं उतरे। जांच में रोट वासी पाए गए हैं जिसकी स्टोरेज सही ढंग से नहीं की गई थी।
रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि यह रोट खाने लायक नहीं थे। बालयोगी को चढ़ने वाला यह रोट का प्रसाद आटा, मैदा, डालडा घी या रिफांइड, चीनी और गुड़ से बनाया जाता है। आमतौर पर बाबा बालक नाथ को चढ़ने वाले इस रोट को प्रसाद के रूप में मंदिर परिसर की दर्जनों दुकानों पर बेचा जाता है। रोट को प्रसाद के रूप में दो से तीन सप्ताह तक प्रयोग किया जाता है। ऐसे में सही ढंग से भंडारण न होने के चलते खराब होने की संभावना बनी रहती है। खाद्य एवं सुरक्षा विभाग के अतिरिक्त कमिश्नर अनिल शर्मा ने कहा कि प्रशासन की निगरानी में आगामी दिनों दुकानदारों को जागरूक किया जाएगा। यहां पर खाद्य सुरक्षा की नजर से विभागीय गतिविधियां भी बढ़ाई जाएंगी। छह में से दो सेंपल फेल हुए हैं। एहतियात के तौर पर यह सैंपल उठाए गए थे। अब यहां पर लीगल सैंपल खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से लिए जाएंगे। यदि दोबारा एक ही दुकान अथवा कैंटीन के रोट के सैंपल फेल होंगे तो फिर विभाग की ओर कार्रवाई की जाएगी।