Published On: Tue, Jul 9th, 2024

High profile blackmailing gang of gangsters, lawyers, journalists and policemen | राजस्थान का सबसे बड़ा हनीट्रैप रैकेट: गैंग में पुलिसवाले-पत्रकार-वकील भी थे, 30 हाईप्रोफाइल लोगों से वसूले 25 करोड़, एक मर्डर से खुला था राज


12 मई 2015 को जयपुर के विद्याधरनगर में अलंकार प्लाजा के सामने तीन बदमाशों ने स्कॉर्पियो में आए हिस्ट्रीशीटर हिम्मत सिंह राजपुरा की गोली मारकर हत्या कर दी थी।

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SOG की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया था कि जमीन विवाद के चलते गैंगस्टर आनंदपाल ने हिम्मत सिंह का मर्डर करवाया था। साल 2016 तक इस केस में SOG ने आनंदपाल गैंग के लक्ष्मण सिंह, उदयवीर सिंह, अनुराग चौधरी उर्फ रानू, आनंद शांडिल्य, सोनू पावटा और अजीत पावटा को गिरफ्तार कर लिया था। इसी दौरान पूछताछ में आनंद शांडिल्य ने हैरान कर देने वाला खुलासा किया।

खुलासा राजस्थान के सबसे बड़े हनीट्रैप रैकेट का…

पुलिस की गिरफ्त में अनुराग चौधरी और आनंद शांडिल्य।

पुलिस की गिरफ्त में अनुराग चौधरी और आनंद शांडिल्य।

उसने पुलिस को बताया कि जयपुर सहित पूरे राजस्थान में एक हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह चल रहा है जो खूबसूरत लड़कियों के सहारे डॉक्टर, बिल्डर, नेताओं और बड़े अफसरों को फंसाता है।

इसके बाद उन्हें झूठे रेप के मुकदमे करने की धमकियां देकर करोड़ों रुपए वसूलते हैं। जो उनकी डील नहीं मानते, उन पर झूठे मुकदमे कर जेल भिजवाया जाता है और बाद में कोर्ट ट्रायल के दौरान उनसे और ज्यादा बड़ी रकम वसूली जाती है।

शांडिल्य ने पुलिस को बताया कि गिरोह में उसके साथ बड़े वकील, पत्रकार, पुलिस वाले और कई दूसरे नामचीन लोग भी शामिल हैं। सब ने मिलकर अब तक 25 करोड़ रुपए से ज्यादा की रकम लोगों से वसूली थी।

खुलासे के बाद SOG ने इन्वेस्टिगेशन स्टार्ट किया और 13 मामले दर्ज किए। देश के अलग-अलग शहरों से 47 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमे से एक हाईकोर्ट में राज्य सरकार की तरफ से अपोइंटेड (AAG) वकील भी था।

ब्लैकमेलिंग गैंग में एक NRI लड़की रवनीत कौर भी शामिल थी।

ब्लैकमेलिंग गैंग में एक NRI लड़की रवनीत कौर भी शामिल थी।

हिमाचल, उत्तराखंड से मंगवाते लड़कियां

तत्कालीन एडिशनल एसपी और वर्तमान में कोटा ग्रामीण एसपी करण शर्मा के सामने आनंद पुत्र विजय शांडिल्य ने खुलासा किया कि वह और उसके साथी एडवोकेट नवीन देवानी, एडवोकेट नितेश बंधु शर्मा, अक्षत शर्मा, विजय उर्फ सोनू शर्मा व कुछ अन्य लोग मिलकर एक ब्लैकमेलिंग गैंग चला रहे है।

वो जयपुर, अजमेर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लड़कियां मंगवा कर उन्हें ब्लैकमैलिंग के लिए तैयार करते थे।

हाईप्राेफाइल लोगों को टारगेट कर फंसाते थे

आनंद शांडिल्य रामबाग गोल्फ क्लब का मेंबर भी था। ऐसे में उसका जयपुर के कई नामचीन लोगों के साथ उठना-बैठना था। वो ही गिरोह के लिए टारगेट सिलेक्ट करता था। इसके बाद एडवोकेट नवीन देवानी के साथ मिलकर हाईप्रोफ़ाइल व अमीर लोगों को आइडेंटिफाई कर उनके पास लड़कियां भेजते।

इसके बाद वो लड़की ऐसे लोगों से नजदीकियां बढ़ाती। वो इसे रेप साबित करने के लिए सबूत भी जुटाती। इसके बाद गिरोह में शामिल एडवोकेट व पत्रकार उस हाईप्रोफाइल व्यक्ति को रेप में फंसाने की धमकी देकर मोटी रकम वसूल करते थे।

गैंग का सरगना एडवोकेट नवीन देवानी, विजय उर्फ सोनू शर्मा तथा अक्षत शर्मा।

गैंग का सरगना एडवोकेट नवीन देवानी, विजय उर्फ सोनू शर्मा तथा अक्षत शर्मा।

पैसे मिलने के बाद लड़की बयान बदल देती

कई बार रकम नहीं देने पर मुकदमे भी करवाए जाते और ट्रायल के दौरान सैटलमेंट कर करोड़ों रुपए लिए जाते। रकम मिलने के बाद लड़की कोर्ट में अपने बयान बदल लेती थी।

शांडिल्य ने SOG को बताया कि उनका गिरोह जयपुर शहर में पिछले 3 साल में 30 से ज्यादा वारदातों को अंजाम दे चुका है। तत्कालीन एडिशनल एसपी और हाल में कोटा ग्रामीण एसपी करण शर्मा ने बताया कि आनंद शांडिल्य से हुई पूछताछ में कई नामचीन और हाईप्रोफाइल लोगों के नाम सामने आ गए थे, जिन्हें इस गिरोह ने ब्लैकमेल किया था।

SOG टीम ने इनसे कॉन्टेक्ट किया, लेकिन ज्यादातर लोग पुलिस कंप्लेंट देने को ही तैयार नहीं थे। उनका कहना था कि अभी तो सिर्फ रुपए गए हैं, शिकायत दर्ज करेंगे तो पूरी तरह बदनाम हो जाएंगे।

हनीट्रैप रैकेट में जयपुर, अजमेर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लाई गई लड़कियां थीं।

हनीट्रैप रैकेट में जयपुर, अजमेर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड से लाई गई लड़कियां थीं।

हनीट्रैप का शिकार डॉक्टर पुलिस के सामने आया

इस बीच मीडिया में मामला सामने आने के बाद जयपुर के एक डॉक्टर सुनीत सोनी SOG के दफ्तर पहुंचे और बोले- ‘सर मैं इस हाईप्रोफ़ाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह का शिकार हूं। इन्होंने मुझे झूठे रेप केस में फंसाया और जेल भिजवाया। इसके बाद मुझसे एक करोड़ 5 लाख रुपए लेकर सैटलमेंट किया गया था। झूठे केस के चलते मैंने 75 दिन जेल में गुजारे हैं।’

डॉक्टर ने पुलिस को बताया कि अप्रैल 2016 में जयपुर के वैशाली नगर स्थित उनके प्राइवेट हेयर ट्रांसप्लांट क्लिनिक मेडिस्पा में शिखा तिवाड़ी नाम की लड़की हेयर फाल इलाज के लिए आई थी।

इलाज के बहाने शिखा कई-कई घंटे क्लिनिक में बैठी रहती थी। एक दिन शिखा ने कहा कि वो काफी डिप्रेशन फील कर रही है। डिप्रेशन दूर करने के लिए पुष्कर घूमने जा रही है, लेकिन साथ चलने वाला कोई नहीं है।

उसने कहा कि वो उसके साथ चलेंगे तो उसे अच्छा लगेगा। दोनों डॉक्टर सोनी की कार से जयपुर से पुष्कर गए। दिनभर पुष्कर में घूमे और रात को रिसोर्ट में रुके। इस दौरान दोनों के बीच संबंध बने। अगले दिन सुबह दोनों जयपुर लौट आए।

गैंग से जुड़ी शिखा तिवाड़ी ने डॉक्टर सोनी को हनीट्रैप फंसाकर 1 करोड़ 5 लाख रुपए वसूले।

गैंग से जुड़ी शिखा तिवाड़ी ने डॉक्टर सोनी को हनीट्रैप फंसाकर 1 करोड़ 5 लाख रुपए वसूले।

डॉक्टर को जाना पड़ा जेल

2 दिन बाद दो लड़के अक्षत शर्मा और विजय उर्फ़ सोनू शर्मा डॉक्टर सोनी के क्लिनिक पर पहुंचे। खुद को बड़ा पत्रकार बताते हुए उन्होंने डॉक्टर सोनी को धमकाया- ‘तुमने पुष्कर में लड़की का रेप किया है। अब ये खबर टीवी पर ब्रेक करने वाले हैं। वो लड़की भी तुम्हारे खिलाफ रेप केस करेगी।’

ये सब सुनकर शॉक्ड हो गए। उन्होंने खुद को बेगुनाह बताते हुए मामले को आगे नहीं बढ़ाने की गुजारिश की। अक्षत और विजय ने मामला सैटल करने के लिए 1 करोड़ की डिमांड की। डॉक्टर ने पैसे देने से मना कर दिया।

इस पर शिखा ने पुष्कर थाने में डॉक्टर के खिलाफ रेप का केस करा दिया। पुलिस ने डॉक्टर सोनी को गिरफ्तार कर लिया। सारे सबूत उसके खिलाफ थे।

इस बीच शिखा के पुष्कर की कोर्ट में 164 के बयान से ठीक पहले दोनों पत्रकारों और कुछ वकीलों ने फिर डॉक्टर से संपर्क किया। उन्होंने कहा कि एक करोड़ रुपए दे दोगे तो लड़की बयान बदल लेगी। डॉक्टर सोनी नहीं माने और कोर्ट से उन्हें जेल भेज गया।

शिखा और उसके साथ हनीट्रैप रैकेट में शामिल दूसरी लड़कियां।

शिखा और उसके साथ हनीट्रैप रैकेट में शामिल दूसरी लड़कियां।

फिर 1 करोड़ 5 लाख वसूले

इस केस में 75 दिन जेल में रहने के बाद उन्हें लगा कि पैसे देने के अलावा इस दलदल से निकलने का और कोई रास्ता नहीं है। इस बार इस बार डॉक्टर सोनी के घरवालों ने दोनों पत्रकारों और वकीलों से संपर्क किया।

एक करोड़ 5 लाख रुपए में केस को रफा-दफा करवाने की डील हुई। पैसे मिलने के बाद शिखा काेर्ट पहुंची और अपने बयान बदल लिए। इसके बाद डॉक्टर सुनीत सोनी को जेल से रिहा किया गया।

डॉक्टर सुनीत सोनी की आपबीती SOG टीम के अधिकारियों को हिला देने वाली थी। SOG ने डॉक्टर सोनी से रिपोर्ट लेकर जयपुर में चल रहे इस हाईप्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह पर शिकंजा कसना स्टार्ट कर दिया।

आखिर इस यह प्रोफाइल ब्लैकमेलिंग गिरोह को कौन चला रहे थे ? राजस्थान पुलिस की SOG टीम ने सभी आरोपियों को कैसे पकड़ा और इस पूरे केस को कैसे सुलझाया था?

कल पढ़िए : ‘हाईप्रोफाइल हनीट्रैप रैकेट’ के अंत की कहानी

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