Published On: Thu, Jun 5th, 2025

For the first time a cry resonated in the cradle home | पहली बार गूंजी पालना गृह में किलकारी: चित्तौड़गढ़ के बाल किशोर गृह परिसर में छोड़ा गया नवजात बालक, बच्चा पूरी तरह स्वस्थ – Chittorgarh News



चित्तौड़गढ़ के बाल किशोर गृह और बाल संप्रेषण गृह के परिसर में बने पालना गृह में गुरुवार को पहली बार किसी नवजात की किलकारी गूंजी। किसी अज्ञात व्यक्ति ने एक नवजात बालक को पालने में छोड़ दिया। जैसे ही पालना में लगी घंटी बजी, वहां तैनात गार्ड रामस्वरूप त

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गार्ड ने तुरंत दी अध्यक्ष को सूचना

गार्ड रामस्वरूप ने बिना समय गंवाए बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही प्रियंका पालीवाल ने तत्परता दिखाते हुए नवजात को तुरंत जिला हॉस्पिटल भिजवाया, ताकि उसका स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जा सके।

नवजात पूरी तरह से स्वस्थ, सिर्फ 4 से 6 दिन का बच्चा, वजन 3.6 किलो

जिला हॉस्पिटल में मौजूद डॉक्टर जयसिंह मीणा ने नवजात का मेडिकल चेकअप किया। डॉक्टर ने बताया कि बच्चा पूरी तरह से स्वस्थ है और उसकी उम्र लगभग 4 से 6 दिन है। नवजात का वजन 3 किलो 600 ग्राम पाया गया। फिलहाल बच्चा सुरक्षित स्थिति में है और कोई खतरा नहीं है।

मार्च 2022 में शुरू हुआ था यह पालना गृह

बाल कल्याण समिति की अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने बताया कि यह पालना गृह मार्च 2022 में बाल किशोर गृह और बाल संप्रेषण गृह के परिसर में शुरू किया गया था। इस पालना का उद्देश्य उन नवजातों को सुरक्षित स्थान देना था, जिन्हें अनचाही परिस्थितियों में छोड़ दिया जाता है। हालांकि अब तक एक भी नवजात यहां नहीं छोड़ा गया था। आमतौर पर लोग जिला हॉस्पिटल परिसर में बने पालना में ही बच्चों को छोड़ते रहे हैं।

स्टाफ में खुशी का माहौल, तीन साल के इंतजार के बाद हुआ उद्देश्य पूर्ण

इस पहली घटना के बाद समिति और स्टाफ के बीच खुशी की लहर दौड़ गई। सभी ने महसूस किया कि पालना गृह बनाने का उद्देश्य अब जाकर पूरा हुआ है। प्रियंका पालीवाल ने कहा, “हमने यह पालना इसलिए बनाया था ताकि कोई नवजात कहीं फेंका न जाए, बल्कि उसे सुरक्षित स्थान मिल सके। आज हमारा सपना पूरा हुआ।”

बच्चे का नाम रखा गया ‘लक्ष्य’, नाम के साथ जुड़ी एक विशेष भावना

इस नवजात बालक का नाम ‘लक्ष्य’ रखा गया है। अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने बताया कि यह नाम इसलिए रखा गया क्योंकि इस पालना के निर्माण का जो लक्ष्य था, वह आज पूरा हो गया है। यह बच्चा अब इस जगह की पहचान और प्रेरणा बन गया है।

शिशु गृह में अब 5 बच्चे, तीन बालक और दो बालिकाएं

बाल कल्याण समिति के अनुसार, इस नवजात के आने के बाद शिशु गृह में अब कुल पांच बच्चे हो गए हैं। इनमें तीन बालक और दो बालिकाएं शामिल हैं। सभी बच्चों की देखभाल बाल कल्याण समिति द्वारा पूरी जिम्मेदारी से की जा रही है।

इस मौके पर बाल कल्याण समिति के सदस्य शिवदयाल लखावत, सीमा भारती, ओम प्रकाश लक्ष्यकार और नीता लोठ भी मौजूद रहे। सभी ने बच्चे को गोद में लेकर उसका स्वागत किया और भावुक पल साझा किए।

बाल कल्याण समिति की अपील – “बच्चे को फेंके नहीं, पालने में छोड़ें”

अध्यक्ष प्रियंका पालीवाल ने समाज से अपील की कि यदि कोई माता-पिता या परिवार किसी कारणवश बच्चे की परवरिश नहीं कर सकते, तो उन्हें बच्चा इधर-उधर फेंकने की बजाय पालना गृह में सुरक्षित रूप से छोड़ देना चाहिए। उन्होंने बताया कि यहां बच्चे को छोड़ने वाले की पहचान नहीं की जाती और ना ही परिसर में कोई कैमरा लगा है, जिससे गोपनीयता बनी रहती है।

पालना गृह की लोकेशन को लेकर प्रियंका पालीवाल ने बताया कि यह स्थान अधिक भीड़भाड़ वाले इलाके में नहीं है। ऐसे में किसी भी व्यक्ति के लिए यहां आकर बच्चे को सुरक्षित रूप से छोड़ना आसान होता है। वहीं हॉस्पिटल परिसर में बच्चों को छोड़ने में लोग संकोच करते हैं, क्योंकि वहां लोगों की नजर पड़ने का डर रहता है।

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