Published On: Thu, Jul 4th, 2024

Farmers Create Ruckus Over Demand For Canal Water – Amar Ujala Hindi News Live


Farmers create ruckus over demand for canal water

नहरी पानी की मांग को लेकर किसानों का हंगामा
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


कोटा बूंदी के किसानों ने 1 जुलाई से धान की फसल के लिए नहरी पानी की मांग को लेकर महापड़ाव कर रखा था। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर सरकार ने नहरो में जल का प्रवाह नहीं किया तो किसान ट्रैक्टर लेकर कोटा बैराज पर पहुंचेंगे और स्वयं ही बैराज के गेट खोल देंगे। किसानों की चेतावनी के बाद से लगातार पुलिस प्रशासन वहां किसानों पर नजर रखे हुए था।

आंदोलनकारी को पुलिस टीम ने दो दिन से रोक रखा था आज जैसे ही सीएड़ी प्रशासन के साथ वार्ता विफल हुई तो उसके बाद आंदोलनकारी ने कोटा की ओर रुख करने लगे पुलिस ने आंदोलनकारी किसानों को वही रोक दिया और गिरफ्तारियां की गई। पुलिस बसों में किसानों को लेकर केशोरायपाटन थाने चली गई। शुगर मिल संयुक्त किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष गिरिराज गौतम ने बताया कि हमने दो माह पूर्ण 1 जुलाई से केशोरायपाटन क्षेत्र में खरीफ की फसल के लिए नेहरू पानी छोड़ने की मांग की थी। विभाग ने हमें टोस आश्वासन भी दिया था। लेकिन 1 जुलाई होने जाने के बावजूद भी पानी नहीं छोड़ा है जिसके चलते किसानों में आक्रोश है।

जिले में मानसून की एंट्री होने के साथ ही खेतों में फसल की तैयारी में जुट गए हैं। मानसून की बारिश भी अभी तक नहीं हुई है। उन्हें पहले पानी की आवश्यकता है लेकिन विभाग पानी को नहरों में छोड़ने के लिए तैयार नहीं है। हाडोती के सबसे बड़े बांध कोटा बैराज से दो दरवाजा को खोलकर 10 हजार क्यूसेक सबसे अधिक पानी की निकासी की गई थी इसी की निकासी के बाद से ही किसान नाराज है। किसानों का कहना है कि उस पानी को सीआईडी प्रशासन ने व्यर्थ बहा दिया जबकि उसे पानी का उपयोग हो सकता था। व्यर्थ बहने की बजाय व किसानों को नहरी पानी की उपयोग में दिया जा सकता था। लेकिन ऐसा नहीं किया गया और पानी व्यर्थ बह गया। जबकि खरीफ की फसल का सीजन शुरू हो चुका है इस सीजन में पानी की ज्यादा आवश्यकता होती है किस मानसून पर डिपेंड रहता है, लेकिन मानसून को एक सप्ताह हो गया लेकिन अभी तक पानी नहीं आया है तो नेहरू पानी ही फसलों को जीवन दान दे सकता है। 

संभागीय आयुक्त से दो दिनों तक चली वार्ता, नहीं बन पाई सहमति

किसानों ने 2 जुलाई को कोटा बैराज के गेट खोलने की चेतावनी देने के बाद बूंदी जिला पुलिस प्रशासन हरकत में आ गया था। मौके पर लालसोट मेगा हाइवे पर किसान ट्रैक्टर लेकर कोटा की तरफ कूच करने निकल पड़े तो पुलिस ने उन्हें रोक लिया था। एक प्रतिनिधि मंडल को संभागीय आयुक्त से वार्ता करने के लिए कोटा ले जाया गया। जहां पर सुबह से लेकर शाम तक चली वार्ता के बाद कोई हल नहीं निकला।

आज सुबह फिर 11:00 आयुक्त उर्मिला राजोरिया से किसानों की बातचीत चली लेकिन वह सफल नहीं रही। ऐसे में किसानों का प्रतिनिधिमंडल वापस धरना स्थल पर पहुंचा और कोटा की तरफ कुछ करने के लिए बड़ा तो पुलिस ने किसानों को हिरासत में लिया है। प्रशासन किसानों से अपील कर रहा है की जरूरत के अनुसार समय पर पानी भेज दिया जाएगा लेकिन किसान 2 जुलाई से ही पानी की मांग पर अड़े रहे जिस पर बात नहीं बन सकी। किसान गिरिराज गौतम ने कहा कि किसान नहरी पानी को लेकर आर पार की लड़ाई के मूड में है। प्रशासन जैसे चाहे वैसे किसानों से निपट सकता है।

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