Published On: Fri, Nov 15th, 2024

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सिरोही : राजस्थान के प्रसिद्ध जैन मंदिरों में से एक माउंट आबू का देलवाड़ा का जैन मंदिर अपनी स्थापत्य कला और निर्माण शैली के लिए प्रसिद्ध है. जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर स्वामी के 2551वें निर्वाण दिवस पर इस भव्य मंदिर में विशेष आएंगी रचना और दीपमालाएं सजाई गई. करीब 3000 दीपक से की गई सजावट मंदिर की सुंदरता में चार चांद लग गए. दिवाली से लाभ पंचमी इस मंदिर को देखने के लिए देशभर से पर्यटक पहुंचे.

वास्तुपाल और तेजपाल ने कराया था इसका निर्माण 
बेहतरीन कारीगरी की वजह से इस मंदिर की तुलना आगरा के ताजमहल से की जाती है. यह जैन समुदाय के तीर्थ स्थल के साथ ही विश्व में एक महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र के रूप में जाना जाता है. 11वीं से 16वीं शताब्दी के मध्य इस मंदिर का निर्माण अलग-अलग काल खण्डों में करवाया गया था. वास्तुपाल और तेजपाल नामक गुजरात के प्रमुख मंत्री ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था.

मंदिर में दर्शन का समय भी बढ़ाया
रात्रि में दीपक से जगमगाते मंदिर के दर्शन को लेकर मंदिर प्रशासन की ओर से दर्शन का समय बढ़ा दिया गया है. 15 नवम्बर तक सुबह 11 बजे से  रात्रि  8.30 बजे तक श्रद्धालुओं के लिए दर्शन का समय किया गया. माउंट आबू में दिवाली सीजन होने से देशभर से पहुंचे भारी तादाद में पर्यटकों ने मंदिर की सुंदरता को भी निहारा.

5 मंदिरों का है समूह  
इस मंदिर में पांच मंदिरों का समूह है. इन पांच मंदिरों में विमल वसाही (प्रथम जैन, आदिनाथ), लूना वसाही (22वें जैन तीर्थंकर नेमिनाथ), पिथलहार (प्रथम जैन तीर्थंकर, ऋषभ), पार्श्वनाथ (23वें जैन तीर्थंकर, पार्श्व) और महावीर स्वामी (अंतिम जैन तीर्थंकर, महावीर) शामिल है. हर मंदिर में काफी संख्या में स्तम्भ है और सभी में बारीक नक्काशी और शिल्पकला को प्रदर्शित किया गया है. मंदिर की छत, महराबो, दीवारों पर सुंदर सजीव पच्चीकारी व मानव निर्मित कलाकृतियों को उकेरा गया है. इस मंदिर का प्रबंधन श्री कल्याणजी परमानंदजी पेढी सिरोही द्वारा किया जाता है.

Tags: Local18, Mount abu, News 18 rajasthan, Religious Places

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.

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