Enrollment of students in private schools is 5% more than in government schools, 99.02% girls passed in government girls schools | सरकारी से निजी स्कूलों में छात्रों का नामांकन 5 % ज्यादा, सरकारी गर्ल्स में 99.02 फीसदी बेटियां पास – Nagaur News

2024 : कला वर्ग में 97.32% छात्र तो 98.16% छात्राएं पास हुई। विज्ञान वर्ग 98.44% छात्र तो 99.47% छात्राएं पास हुई। वाणिज्य में 99.12% छात्र तो छात्राएं शत-प्रतिशत पास हुई है। वहीं दसवीं में 96.43% छात्र तो 96.59% छात्राएं पास हुई है। यानी परीक्षा देन
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जानकारी के अनुसार बालिकाओं का 98.85% व बालकों का 97.74% परिणाम रहा। वहीं साइंस के विषय में लड़कियों का 99.76% व लड़कों का 99.13% रहा। इस परिणाम को लेकर पता चलता है कि लड़कों का परिणाम लड़कियों से पीछे रहा है। हालांकि यह पॉइंटों में ही है लेकिन कम है। 2022: साइंस में लड़कियों का पास प्रतिशत 99.08 रहा, जबकि लड़कों का 97.87% रहा। कॉमर्स में लड़कियों का 100 और लड़कों का 97.76% रहा। 12वीं कला में परीक्षा में बैठे 33,408 विद्यार्थियों में से 16,295 छात्र तो 16220 छात्राएं पास हुई। जानकारी के अनुसार परीक्षा देने वाल छात्रों से भले ही छात्राओं की संख्या 362 कम थी। छात्रों से 1.66% ज्यादा परिणाम दिया है। साल 2022 में 10वीं कक्षा के परिणाम की बात करें तो बेटियां 2.19 फीसदी ज्यादा पास हुई है। छात्र 90.57% व छात्राएं 92.46% पास हुई।
इससे उनके अध्ययन करने को लेकर भी जानकारी सामने आ रही है। 2023: कला में 97.13% छात्राएं व 95.03% छात्र पास हुए। वहीं विज्ञान में 97.66 प्रतिशत बालिकाएं व 97.05 बालक पास हुए। इसी तरह वाणिज्य में छात्रों से ज्यादा 99.22 प्रतिशत छात्राएं पास हुईं। छात्रों का परिणाम 96.27% रहा था। वहीं 10वीं परीक्षा में छात्रों का कुल परिणाम 94.73% ही रहा, जबकि छात्राओं का 95.39% रहा है। पिछले तीन सालों के आरबीएससी बोर्ड के आकंड़े खंगालने पर सामने आया कि कक्षा 10 व 12 दोनों में ही बेंटियों ने अच्छे परिणाम दिए हैं जिससे जिले की ऑवरऑल रैंकिग में भी योगदान दिया। निजी व सरकारी विद्यालयों में कुल विद्यार्थियों में से छात्राओं की संख्या कम होने के बावजूद उनका पास प्रतिशत ज्यादा है। 12वीं के तीनों विषयों भी बेटियां ही आगे हैं। भास्कर न्यूज | नागौर 5 साल से बोर्ड परीक्षाओं में बेटों से बेटियां अधिक अंक ला रही है। फिर भी अभिभावक बेटों को निजी स्कूल में व बेटियों को सरकारी स्कूल में भेजना ठीक समझ रहे है। जिससे सरकारी स्कूलों में बेटियों की संख्या निजी स्कूल में पढ़ने वाले बेटों से 5.07 प्रतिशत अधिक है। बेटियों को सरकारी स्कूल में रुख करवाया जा रहा है। फिर भी बेटियां बेटों से आगे रहकर चौंका रही है। शाला दर्पण पोर्टल पर दर्ज आंकड़े बताते हैं कि बेटियों और बेटों की पढ़ाई को लेकर सोच में अंतर है। जिले में कुल 3278 सरकारी स्कूल हैं, जिनमें 390186 विद्यार्थी हैं, जिनमें से 53.36 % ग्लर्स हैं।
वहीं दूसरी ओर, 1607 निजी स्कूलों में 408301 विद्यार्थी नामांकित हैं। लेकिन यहां 58.43 % छात्र हैं और 41.56% छात्राएं। कई परिवारों में भाई निजी तो बहन सरकारी स्कूल में पढ़ रही है। ऐसा नहीं है कि सरकारी स्कूलों में गुणवत्ता की कमी है। 2025 में कक्षा 12वीं व 10वीं के बोर्ड परिणामों में सरकारी गर्ल्स स्कूल के आंकड़ें खंगाले, जिसमें कक्षा 12 की 31 स्कूलों का पास प्रतिशत 99.02 रहा। वहीं, कक्षा 10 की 32 स्कूलों में पास प्रतिशत 93.52 रहा। कक्षा 12वीं के तीनों विषयों को मिलाकर व कक्षा 10वीं का औसत परिणाम 96.36% रहा है।