Published On: Wed, Aug 21st, 2024

Employees Protest Outside Himachal Pradesh Secretariat Against Sukhu Govt Over Pending Da And Arrear – Amar Ujala Hindi News Live


Employees Protest Outside Himachal Pradesh Secretariat Against Sukhu Govt Over Pending Da And Arrear

सचिवालय के बाहर कर्मचारियों का प्रदर्शन।
– फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी

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सरकारी कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ता और एरियर न देने से नाराज राज्य सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ ने बुधवार को सरकार के खिलाफ आर्म्सडेल भवन के परिसर में मोर्चा खोल दिया। कर्मचारी नेताओं ने मंत्रियों और अफसरों को निशाने पर लिया। इन पर फिजूलखर्ची के आरोप लगाए। प्रदेश सचिवालय सेवाएं कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष संजीव शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री कहते हैं कि उनके पास पैसे नहीं हैं। मंत्रियों, विधायकों और अफसरों की फिजूलखर्ची पर कोई अंकुश नहीं लगाया जा रहा है। संजीव शर्मा ने कहा कि अभी ये ट्रेलर है। पिक्चर 10 तारीख के बाद शुरू होगी।

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बुधवार को राज्य सचिवालय में सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी जुटे। अफसरशाही को भी गाड़ियों के दुरुपयोग और अन्य तरह की मितव्ययता के लिए निशाने पर लिया। कर्मचारी महासंघ ने अल्टीमेटम दिया है कि अगर मुख्यमंत्री ने वार्ता के लिए नहीं बुलाया तो 23 अगस्त को एक बार फिर से जनरल हाउस होगा। उसके बाद भी कदम नहीं उठाया तो उसके बाद 10 को फिर से आम सभा होगी। उसके बाद भी समाधान न होने पर कर्मचारी कैजुअल लीव पर जाएंगे। शर्मा ने कहा कि पिछली सरकार ने एरियर के नाम पर 50 हजार रुपये दिए हैं और इस सरकार ने फूटी-कौड़ी भी नहीं दी है।

राज्य पेंशनर्स एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष आत्मा राम शर्मा, प्रदेश वन विभाग कर्मचारी संघ के अध्यक्ष प्रकाश बादल, विधानसभा कर्मचारी संघ के पवन जम्वाल, नगर निकाय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष आशाराम, पर्यटन निगम कर्मचारी संगठन के अध्यक्ष राज कुमार और अन्य संगठनों के नेताओं ने सचिवालय पहुंचकर समर्थन दिया।

‘मंत्री ऐसे घर बना रहे, जैसे 30 साल रहना हो, महाराष्ट्र से आ रहा फर्नीचर’

संजीव शर्मा ने कहा कि जब मैंने अपने कर्मचारियों के लिए लाठियां खा ली थीं, उस समय सचिवालय में करोड़ों रुपये से जीर्णोद्वार करवा रहे दो मंत्री स्कूल और कॉलेज में थे। मेरे पास आते तो इनको बताते कि वहां राजनीति सीखो, वे तो एशो-आराम में लग गए। इससे लगता है कि मंत्री यहां तीस साल के लिए रहने वाले हैं। बंगलों में करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं। विधायक भी पीछे क्यों रहें। अब मेट्रोपोल को उखाड़कर भवन बनाया जा रहा है। वहां 100 करोड़ रुपये से अधिक खर्च किया जा रहा है। 50-50 लाख रुपये की रिनोवेशन की जा रही है। यह मत कहो कि उनके पास पैसे नहीं हैं। कमरों में 18-18 हजार रुपये की लाइटें लग रही हैं। फर्नीचर भी महाराष्ट्र से आ रहा है।

किसी चीज का सत्कार भत्ता ले रहे अफसर, चाय पीने को बैठाते नहीं : संजीव

संजीव शर्मा ने कहा कि अधिकारी पहले तो बैठने को नहीं बोलेंगे। बैठने को बोला तो चाय तो पिलाते ही नहीं। चार-पांच हजार रुपये सत्कार भत्ता मिलता है। गलती से चाय पिला भी देते हैं तो कैंटीन की मुफ्त की चाय पिलाते हैं। उन्होंने कहा कि साल में एक करोड़ रुपये की मुफ्त की चाय पिलाते हैं।

‘होम ए ब्रांच में वेटिलेशन नहीं है और वहां चूहा मरा हुआ’

संजीव शर्मा ने कहा कि कर्मचारियों के बैठने के लिए कमरे नहीं हैं। मंत्रियों को बैठने के लिए कमरे दिए जा रहे हैं। होम ए ब्रांच में वेटिलेशन नहीं है और वहां चूहा मरा हुआ है। बैठना मुश्किल हो गया है। दो दिन से कमरों में नहीं जा रहे हैं। निगमों-बोर्डों के अध्यक्षों को सचिवालय में बैठाया गया है।

 

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