Eid-ul-Azha festival will be celebrated on 17 June | 17 जून को मनाया जाएगा ईद-उल-अजहा का त्योहार: गीता आश्रम ईदगाह में सुबह 8.15 बजे होगी नमाज; तैयारियां शुरू – Jaisalmer News
जैसलमेर। गीता आश्रम स्थित बड़ी ईदगाह में होगी नमाज।
मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार ईद-उल-अजहा सोमवार को पूरे देश प्रदेश में मनाया जाएगा। इस मौके पर पूर्व अल्पसंख्यक मामलात मंत्री सालेह मोहम्मद ने देश व प्रदेशवासियों को ईद-उल-अजहा की मुबारकबाद देकर शुभकामनाएं दी हैं। वे अभी मक्का की धार्मिक यात्रा
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शांति व सद्भावना से त्योहार सभी लोग आपस में मिल जुल कर मनाएं। उन्होंने इस मौके पर देश-प्रदेश में आपसी भाईचारा और प्रेम सौहार्द बनाए रखने की भी अपील की। सोमवार, 17 जून को जैसलमेर जिले की तमाम ईदगाह और मस्जिदों में ईद की नमाज अदा की जाएगी। इसके लिए जिला प्रशासन ने सभी अधिकारियों और पुलिस को निर्देश जारी किए हैं। जिले में सौहार्द का वातावरण बना रहे इसके लिए सभी अधिकारियों को मुस्तैद रहकर अपनी ड्यूटी पूरी करने के निर्देश जारी किए गए हैं।
ईदगाह में होगी सुबह 8.15 बजे नमाज
शहर काजी मौलाना बेग मोहम्मद कादरी ने बताया कि जून का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए कुर्बानी का महीना माना जाता है। इसे बकरीद भी कहते हैं। इस्लामिक कैलंडर के मुताबिक, बकरीद यानी ईद-उल-अजहा, जिलहिज्जा के 12वें यानी आखिरी महीने का चांद दिखने के 10वें दिन मनाई जाती है। जो इस बार 17 जून को मनाई जाएगी। इस दिन शहर के गीता श्रम स्थित बड़ी ईदगाह में सुबह 8.15 पर ईद की नमाज अदा की जाएगी। ईद की नमाज अदा करने के बाद सभी मुस्लिम भाई एक-दूसरे के गले मिलेंगे और ईद की मुबारकबाद देंगे।
बकरीद का महत्व
ईद-उल-अजहा का त्योहार पैगम्बर इब्राहिम की अल्लाह पर विश्वास की याद में मनाया जाता है। इस दिन अल्लाह ने इब्राहिम को अपनी सबसे प्यारी चीज की कुर्बानी देने का आदेश दिया था। इब्राहिम ने अल्लाह की आज्ञा का पालन किया और अपने ही बेटे की कुर्बानी देने के लिए आगे बढ़ा। ये देखकर अल्लाह बहुत खुश हुए। उन्होंने इब्राहिम को अपने जान से भी प्यारे बेटे की कुर्बानी से रोकते हुए उन्हें एक भेड़ की कुर्बानी देने का आदेश दिया। जिसके बाद से अपनी सबसे खास चीज की कुर्बानी देने का रिवाज बन गया। माना जाता है कि इससे अल्लाह के प्रति और भी एतबार कायम होता है।