ED की रडार पर बिहार के कई बड़े अधिकारी, IAS संजीव हंस से लेनदेन के मिले सबूत, 20 ठिकानों पड़ी रेड
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आईएएस अधिकारी संजीव हंस और पूर्व विधायक गुलाब यादव के ठिकानों पर ईडी की छापेमारी की कार्रवाई गुरुवार को पूरी हो गई। हंस के ठिकानों से बरामद दस्तावेजों और कई अन्य कागजातों से बड़ी संख्या में लेनदेन से संबंधित हिसाब-किताब का खुलासा हुआ है। प्रदेश के कुछ दूसरे आईएएस समेत अन्य पदाधिकारियों से भी लेनदेन की बात का पता चला है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हंस और यादव के चार शहरों के 20 ठिकानों पर मंगलवार तथा बुधवार को छापेमारी की थी।
कागजातों की अब तक की जांच में प्रदेश के कई आईएएस और कुछ अन्य पदाधिकारियों से लेनदेन की बात का पता चला है। इसमें कुछ एक सीनियर अधिकारी भी शामिल हैं। इनके खातों में सीधे या उनके करीबियों के खातों में पैसे भेजे गए हैं। कुछ मामलों में पैसे वापस भी उनके खातों में आए हैं। इस सभी अधिकारियों से संबंधित जानकारी को एकत्र कर ईडी आगे की जांच में जुट गई है।
जिनके भी लेनदेन सामने आए हैं, उनकी पूरी कुंडली और अब तक संजीव हंस के साथ हुई लेनदेन का चिट्ठा निकाला जा रहा है। इसमें पुख्ता तथ्य मिलने के बाद संबंधित अधिकारियों से जुड़ी आगे की भी कार्रवाई की जाएगी। कुछ अधिकारियों और उनकी पत्नियों की लाखों के ब्रांडेड ड्रेस की शॉपिंग से लेकर कुछ अन्य तरह के महंगे गिफ्ट समेत अन्य चीजों की लेनदेन से संबंधित बातों का खुलासा हुआ है।
गौरतलब है कि छापेमारी के दौरान ही इस बात के पुख्ता प्रमाण पहले ही मिल चुके हैं कि आईएएस की पत्नी और पूर्व विधायक गुलाब यादव एवं उनकी पत्नी एमएलसी अंबिका गुलाब यादव के बीच व्यवसायिक साझेदारी है। पुणे में मौजूद सीएनजी पंप स्टेशन से लेकर वहां कुछ अन्य जमीन की खरीद के अलावा दिल्ली में भी कुछ अचल संपत्तियों में निवेश के कई प्रमाण ईडी को मिल चुके हैं।
दिल्ली के कुछ वेंडरों या छोटी कंपनियों को ठेका दिलाने से जुड़े कागजात भी मिले हैं। इनमें भी कई तरह के लेनदेन दिखे हैं और इसमें कुछ अन्य लोगों के पास भी पैसे ट्रांसफर होने के साक्ष्य जांच एजेंसी के पास मौजूद हैं। इस सभी तथ्यों को अलग से एक-एक करके खंगाला जा रहा है और यह देखा जा रहा है कि इस नेक्सस में अन्य कौन-कौन से किस स्तर के लोग जुड़े हुए हैं।