Published On: Thu, Jun 19th, 2025

echo of success resounded from soil of Bhilwara once again


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गुरु रामनिवास अखाड़ा के युवा पहलवान अनुज विश्नोई को 61 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में चुना गया है, जबकि अश्विनी विश्नोई 65 किलो वर्ग में हिस्सा लेंगी. अश्विनी वर्तमान में पुर स्थित शिव व्यायामशाला में अभ्यास कर रही ह…और पढ़ें

भीलवाड़ा के दो पहलवान अब एशियन लेवल पर लड़ेंगे कुश्ती, लहराएंगे भारत का परचम

भीलवाड़ा की पहलवान

हाइलाइट्स

  • भीलवाड़ा के दो पहलवान एशियन चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे.
  • अनुज विश्नोई 61 किलो फ्रीस्टाइल में भाग लेंगे.
  • अश्विनी विश्नोई 65 किलो वर्ग में हिस्सा लेंगी.

भीलवाड़ा:- भीलवाड़ा के पहलवानों ने जिले का नाम रोशन किया है. भीलवाड़ा जिले के दो होनहार पहलवानों ने अंडर-20 एशियन कुश्ती चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चयनित होकर जिले, प्रदेश और देश का नाम रोशन किया है.

गुरु रामनिवास अखाड़ा के युवा पहलवान अनुज विश्नोई को 61 किलो फ्रीस्टाइल वर्ग में चुना गया है, जबकि अश्विनी विश्नोई 65 किलो वर्ग में हिस्सा लेंगी. अश्विनी वर्तमान में पुर स्थित शिव व्यायामशाला में अभ्यास कर रही हैं और यह उनका भारतीय टीम के लिए तीसरा अंतरराष्ट्रीय चयन है.

अश्विनी दो बार गोल्ड मेडलिस्ट
अश्विनी विश्नोई पहले ही अपने प्रदर्शन से देश को गौरवान्वित कर चुकी हैं. उन्होंने 2023 में अंडर-15 एशियन चैंपियनशिप और 2024 में अंडर-17 एशियन चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतकर भारत को शीर्ष पर पहुंचाया था. अश्विनी कुश्ती के दांव-पेंच में इतनी निपुण हैं कि उनके सामने विरोधी पहलवानों की एक नहीं चलती. मैदान में उनकी ताकत, तकनीक और आत्मविश्वास देखते ही बनता है.

पिता की मेहनत और सपनों का नतीजा
अश्विनी के पिता मुकेश विश्नोई एक फैक्ट्री में मजदूर हैं. उन्होंने बेटी की प्रतिभा को देखकर जीवन की कठिनाइयों को पीछे छोड़ते हुए हर संभव सहायता दी. शुरुआती दौर में जब अश्विनी को अभ्यास के लिए नियमित समय देना होता था, तब मुकेश ने अपनी फैक्ट्री की ड्यूटी को बदलवाकर नाइट शिफ्ट शुरू कर दी, ताकि दिन में बेटी की ट्रेनिंग में सहयोग कर सकें. उनका सपना है कि एक दिन अश्विनी ओलिंपिक में भारत के लिए मेडल जीतकर लाए.

अनुज की मेहनत लाई रंग
वहीं अनुज विश्नोई, जो गुरु रामनिवास अखाड़े से जुड़े हैं, अपने निरंतर अभ्यास और लगन से इस मुकाम तक पहुंचे हैं. उनके पिता राजेंद्र विश्नोई सरकारी स्कूल में शारीरिक शिक्षक हैं और बेटे को शुरुआत से ही खेलों के प्रति प्रेरित करते रहे हैं. अनुज के लिए यह पहला अंतरराष्ट्रीय मौका है और वह इस जिम्मेदारी को लेकर बेहद उत्साहित है. भीलवाड़ा जिले के इन दोनों खिलाड़ियों का चयन सिर्फ खेल का सम्मान नहीं है, बल्कि यह जिले की संस्कृति, मेहनत और प्रतिभा का प्रतीक है.

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