DU: दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ने वाली नागरत्ना, बन सकती हैं देश की पहली महिला CJI

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Supreme Court, Who is justice bv Nagarathna: दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई कर चुकी जस्टिस बी वी नागरत्ना भारत की पहली महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बन सकती हैं. उनके पिता भी CJI रह चुके हैं.

Justice BV Nagarathna, Supreme Court, DU, Delhi university: जस्टिस बी वी नागरत्ना बन सकती हैं देश की पहली महिला CJI.
हाइलाइट्स
- जस्टिस बी वी नागरत्ना बन सकती हैं पहली महिला CJI.
- नागरत्ना ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की.
- उनके पिता भी CJI रह चुके हैं.
Supreme Court, Who is Justice BV Nagarathna: कभी दिल्ली यूनिवर्सिटी (Delhi University) से लॉ की पढ़ाई करने वाली जस्टिस बी वी नागरत्ना जल्द ही इतिहास रचने वाली हैं. अगर सबकुछ सामान्य रहा तो वह देश की पहली महिला महिला चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) बन सकती हैं. खास बात यह है कि बी वी नागरत्ना के पिता भी कभी चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया थे.आइए आपको बताते हैं उनकी पूरी कहानी…
Who is Justice BV Nagarathna: कौन हैं जस्टिस नागरत्ना?
जस्टिस बी वी नागरत्ना का जन्म 30 अक्टूबर 1962 को बेंगलुरु में हुआ. उनके पिता जस्टिस ई. एस. वेंकेटरमैय्या 1989 में सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायधीश यानी CJI बने थे.ऐसे में कानून का माहौल उन्हें घर से ही मिला. बचपन में किताबों,कोर्ट की बातों और कानूनी चर्चाओं के बीच वह पली-बढ़ीं. उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की और 1987 में वकील बनकर कर्नाटक हाईकोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की.2008 में वह कर्नाटक हाईकोर्ट की जज बनीं और 2021 में सुप्रीम कोर्ट पहुंचीं.अब 25 मई 2025 को वह सुप्रीम कोर्ट की 5वीं सबसे सीनियर जज बन गई हैं और वह सुप्रीम कोर्ट कोलेजियम में शामिल होने वाली पहली महिला जज भी हैं.
कैसे बनेंगी पहली महिला CJI?
भारत में CJI की नियुक्ति सीनियरिटी के आधार पर होती है.जस्टिस अभय श्रीनिवास ओका के 23 मई 2025 को रिटायर होने के बाद जस्टिस नागरत्ना सुप्रीम कोर्ट की टॉप-5 सीनियर जजों में आ गई हैं.इस आधार पर वह 11 सितंबर 2027 को वह देश की 50वीं CJI बनेंगी और 29 अक्टूबर 2027 तक इस पद पर रहेंगी. यानी उनका कार्यकाल करीब एक महीने का होगा,लेकिन यह पहली बार होगा जब कोई महिला इस पद पर होगी. यह न सिर्फ कानून के क्षेत्र में बल्कि शिक्षा और करियर के लिहाज से भी लाखों लड़कियों के लिए प्रेरणा है.
शिक्षा और कानूनी माहौल का कमाल
जस्टिस नागरत्ना की कामयाबी में उनकी शिक्षा का बड़ा रोल है. दिल्ली यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री लेने के बाद उन्होंने खुद को सिर्फ कानून की किताबों तक सीमित नहीं रखा. उनके पिता CJI थे तो घर में कानूनी बहस और कोर्ट की कहानियां आम थीं. इस माहौल ने उन्हें न सिर्फ कानून पढ़ने बल्कि उसे गहराई से समझने का भी मौका मिला. उनकी पढ़ाई और घर का सपोर्ट उन्हें इस मुकाम तक ले गया, जहां वो आज हैं.
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‘कोर्ट्स ऑफ इंडिया’ में योगदान
जस्टिस नागरत्ना ने सुप्रीम कोर्ट की किताब ‘कोर्ट्स ऑफ इंडिया’में कॉन्ट्रीब्यूटर के तौर पर काम किया. इस किताब में उन्होंने कर्नाटक के कोर्ट्स पर चैप्टर्स लिखे और इसका कन्नड़ अनुवाद करने वाली कमेटी की चेयरपर्सन भी रहीं. यह किताब भारत की न्यायिक व्यवस्था को समझाने का एक शानदार दस्तावेज है और इसमें उनका योगदान दिखाता है कि वो न सिर्फ जज बल्कि एक स्कॉलर भी हैं.
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न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य…और पढ़ें
न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य… और पढ़ें