Published On: Tue, Sep 3rd, 2024

Delhi AQI Pollution : दिल्ली में प्रदूषण रोकने को 37 जगहों पर होगी निगरानी, ये हैं 13 हॉटस्पॉट


राजधानी दिल्ली में इस बार 37 स्थानों पर प्रदूषण की निगरानी होगी। इनमें दिल्ली के 13 प्रदूषण हॉटस्पॉट समेत 24 प्राथमिकता वाले क्षेत्र भी शामिल हैं। दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) ने इन जगहों पर प्रदूषण के कारकों को चिह्नित किया है।

दिल्ली में मॉनसून के सीजन को छोड़कर बचे हुए समय में प्रदूषण का स्तर आमतौर पर सामान्य से ऊपर रहता है। जुलाई और अगस्त सबसे ज्यादा साफ रहते हैं और बारिश की गतिविधियां कम होने और मॉनसून की वापसी के बाद हवा की दिशा में बदलाव होता है।

हवा की दिशा उत्तरी-पश्चिमी होने के साथ ही प्रदूषण का स्तर बढ़ने लगता है। प्रदूषण की रोकथाम के लिए पिछले वर्ष 15 अक्टूबर से पहले ही ग्रैप लागू कर दिया गया था, ताकि प्रदूषण के स्तर को बहुत खराब होने से रोका जा सके। पूरी संभावना है कि इस बार भी अक्टूबर के पहले सप्ताह में ही ग्रैप के प्रावधान लागू किए जा सकते हैं। प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली के उन इलाकों की खास निगरानी की जाएगी, जहां आमतौर पर प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है। दिल्ली में लगभग पांच साल पहले 13 ऐसे इलाकों की पहचान की गई थी, जहां प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है।

हाल ही में डीपीसीसी ने इन हॉटस्पॉट के अलावा 24 प्राथमिकता क्षेत्रों की भी पहचान की है। इस बार शीतकालीन प्रदूषण की रोकथाम के लिए इन 37 जगहों पर ही प्रदूषण की रोकथाम के लिए विशेष कदम उठाए जाएंगे। डीपीसीसी ने अपनी रिपोर्ट में इन 37 जगहों पर प्रदूषण के कारकों की पहचान भी की है। यहां पर टूटी सड़कें, फुटपाथ, कचरे के ढेर, यातायात जाम, कचरे में आग, सड़कों से उठती धूल आदि जैसे कारणों से प्रदूषण का स्तर ज्यादा रहता है। इन सभी पर अभियान चलाकर लगाम लगाने की कोशिश की जाएगी।

ये हैं 13 हॉटस्पॉट

आनंद विहार, अशोक विहार, बवाना, द्वारका, जहांगीरपुरी, मुंडका, नरेला, ओखला, पंजाबी बाग, आरकेपुरम, रोहिणी, विवेक विहार समेत वजीरपुर इलाके हॉटस्पॉट क्षेणी में आते हैं।

प्राथमिकता वाले 24 इलाके

अलीपुर, आयानगर, बुराड़ी क्रॉसिंग, सीआरआरआई मथुरा रोड, करणी सिंह शूटिंग रेंज, डीटीयू, डीयू नॉर्थ कैंपस, आईजीआई टी-3, इहबास, आईटीओ, जेएलनएन स्टेडियम, लोधी रोड, नजफगढ़, नेशनल स्टेडियम, नेहरू नगर, न्यू मोती बाग, एनएसयूटी, पटपड़गंज, पूसा (न्यू दिल्ली), पूसा (सेंट्रल), शादीपुर, सिरीफोर्ट, सोनिया विहार, श्री अरबिंदो मार्ग

आठ महीनों में 159 दिन साफ हवा मिली

जनवरी से अगस्त तक के 159 दिन साफ हवा मिली है। इन दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 से नीचे यानी संतोषजनक या मध्यम श्रेणी में रही है। आठ महीनों में 85 दिन ऐसे रहे हैं जब लोगों को खराब, बेहद खराब या फिर गंभीर स्थिति की हवा में सांस लेना पड़ा है। पिछले साल इस अवधि के दौरान 163 दिन हवा साफ रही थी और खराब हवा वाले दिनों की संख्या 80 रही थी। 

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