Dausa Election Results 2024; Jagmohan Meena Brother | Kirodi Lal Meena | भाई की हार पर किरोड़ी का दर्द,लिखा-मुझे अपनों ने मारा: कुछ जयचंदों के कारण भाई का कर्ज नहीं चुका पाया, भितरघातियों ने बाण चलाया – Jaipur News

दौसा सीट से भाई जगमोहन मीणा की हार के बाद मंत्री डॉ किरोड़ीलाल मीणा का दर्द फूट पड़ा है। किरोड़ीलाल मीणा ने सोशल मीडिया एक्स पर लगातार छह पोस्ट करके अपनी ही पार्टी के लोगों पर हरवाने का इशारा करते हुए भीतरघात के आरोप लगाए हैं। किरोड़ी ने बीजेपी के ने
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किरोड़ी ने लिखा है कि मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है। मुझमें बस एक ही कमी है कि मैं चाटुकारिता नहीं करता। इसी प्रवृत्ति के चलते मैंने राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाया है। भाई का कर्ज नहीं चुका पाया।

घर-घर जाकर वोटों की भीख मांगी, फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा
किरोड़ी ने लिखा- 45 साल हो गए। राजनीति के सफर के दौरान सभी वर्गों के लिए संघर्ष किया। जनहित में सैंकड़ों आंदोलन किए। साहस से लड़ा। बदले में पुलिस के हाथों अनगिनत चोटें खाईं। आज भी बदरा घिरते हैं तो समूचा बदन कराह उठता है। मीसा से लेकर जनता की खातिर दर्जनों बार जेल की सलाखों के पीछे रहा।
संघर्ष की इसी मजबूत नींव और सशक्त धरातल के बूते दौसा का उपचुनाव लड़ा। जनता के आगे संघर्ष की दास्तां रखी। घर-घर जाकर वोटों की भीख भी मांगी। फिर भी कुछ लोगों का दिल नहीं पसीजा।
भीतरघातियों ने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति बाण चला डला
किरोड़ी ने आगे लिखा- भीतरघाती मेरे सीने में वाणों की वर्षा कर देते तो मैं दर्द को सीने में दबा सारी बातों को दफन कर देता, लेकिन उन्होंने मेघनाथ बनकर मेरे लक्ष्मण जैसे भाई पर शक्ति का बाण चला डाला। साढ़े चार दशक के संघर्ष से न तो हताश हूं, न ही निराश। पराजय ने मुझे सबक अवश्य सिखाया है, लेकिन विचलित नहीं हूं। आगे भी संघर्ष के इसी पथ पर बढते रहने के लिए कृत संकल्प हूं।

हार के बाद काउंटिंग सेंटर से वापस जाते जगमोहन मीणा।
कुछ जयचंदों के कारण भाई का कर्ज नहीं चुका पाया
किरोड़ी ने लिखा- गरीब, मजदूर, किसान और हरेक दुखिया की सेवा के व्रत को कभी नहीं छोड़ सकता। ह्रदय में एक पीड़ा अवश्य है। यह बहुत गहरी भी है। पल-पल सताने वाली भी। जिस भाई ने परछाईं बनकर जीवन भर मेरा साथ दिया, मेरी हर पीड़ा का शमन किया। कर्ज चुकाने का मौका आया तो कुछ जयचंदों के कारण मैं उसके ऋण को चुका नहीं पाया।
मुझमें एक ही कमी है, मैं चाटुकारिता नहीं करता, गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने मारा है
किरोड़ी ने लिखा- मुझमें बस एक ही कमी है कि मैं चाटुकारिता नहीं करता और इसी प्रवृत्ति के चलते मैंने राजनीतिक जीवन में बहुत नुकसान उठाया है। स्वाभिमानी हूं। जनता की खातिर जान की बाजी लगा सकता हूं। गैरों में कहां दम था, मुझे तो सदा ही अपनों ने ही मारा है।
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