Published On: Tue, Dec 31st, 2024

Cyber Crime: गुजरात की कंपनी की ऐसी ठगी, अकाउंट फ्रीज होते ही भेजी मशीन; पुलिस पर सुलह का दबाव बनाने के आरोप


Darbhanga: Gujarat company took money but did not deliver goods, police accused of pressuring for settlement

सोशल मीडिया पर विज्ञापन देखकर जाल में फंसा पीड़ित
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


साइबर ठगी के एक मामले में दरभंगा के एक कैटरिंग व्यवसायी ने न केवल 60 हजार रुपये गवां दिए, बल्कि वह अपनी समस्या को सुलझाने के लिए एक साल से अधिक समय से पुलिस और ठगों के बीच पिस रहे हैं। मामला गुजरात के राजकोट स्थित एक कंपनी से जुड़ा है, जिसने व्यवसायी से पैसे लेने के बाद सामान नहीं भेजा। साइबर थाने की मदद से आरोपी कंपनी का अकाउंट फ्रीज करवाया गया, लेकिन अब व्यवसायी का दावा है कि पुलिस मामले को सुलझाने की बजाय दबाव बनाकर इसे रफा-दफा करवाना चाहती है।

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विज्ञापन देखकर की डील, पर हो गई ठगी

दरभंगा नगर थाना क्षेत्र के शिवाजीनगर निवासी कैटरिंग व्यवसायी कुमार विक्रम ने फेसबुक पर ऑटोमेटिक रोटी बनाने वाली मशीन का विज्ञापन देखा। विज्ञापन देखकर उन्होंने गुजरात के राजकोट स्थित डीके मशीनरी कंपनी से संपर्क किया। बातचीत के बाद 60 हजार रुपये की डील तय हुई, जिसे व्यवसायी ने HDFC खाते से ट्रांसफर कर दिया।

डील के अनुसार कंपनी को मशीन भेजनी थी, लेकिन तय समय पर मशीन नहीं भेजी गई। जब व्यवसायी ने बार-बार फोन किया तो कंपनी ने जवाब देना बंद कर दिया। बाद में कंपनी ने स्पष्ट रूप से मशीन भेजने से इनकार कर दिया।

 

अकाउंट फ्रीज

धोखाधड़ी का शिकार होने के बाद कुमार विक्रम ने 17 जनवरी 2024 को दरभंगा साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। हालांकि थाना ने इस पर प्राथमिकी दर्ज नहीं की और केवल सनहा दर्ज कर जांच शुरू की। कई महीनों तक कोई ठोस कार्रवाई न होने पर व्यवसायी ने सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी। जवाब में उन्हें बताया गया कि मामला जांच में है। इसी बीच छह दिसंबर को साइबर थाने ने आरोपी कंपनी का बैंक अकाउंट फ्रीज करवा दिया। इसके बाद अचानक व्यवसायी के घर ऑटोमेटिक रोटी बनाने की मशीन भेज दी गई।

 

पुलिस पर मामला रफा-दफा करवाने को दबाव डालने का आरोप

मशीन आने के बाद व्यवसायी ने साइबर थाना को सूचित किया और ठग कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। लेकिन व्यवसायी का आरोप है कि थाना ने कहा कि अब तो सामान मिल गया है, मामला खत्म कर लीजिए। व्यवसायी कुमार विक्रम ने इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि मशीन की गुणवत्ता की जांच तक नहीं की गई है। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपनी ने पुलिस के साथ सांठगांठ कर दबाव बनाने की कोशिश की है।

 

साइबर थानाध्यक्ष का बयान

वहीं, साइबर थानाध्यक्ष विशाल सिंह ने मामले पर कहा कि कंपनी का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया है। व्यवसायी को मशीन कब, कैसे और किसने भेजी, इसकी जांच की जा रही है। जल्द ही पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया जाएगा।

 

वहीं, पीड़ित कुमार विक्रम ने कहा कि वह पिछले एक साल से न्याय के लिए संघर्ष कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ठगी की रकम वापस मिलने या ठग कंपनी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होने तक वह शांत नहीं बैठेंगे।

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