Published On: Sat, Nov 16th, 2024

Cracks In Mahabodhi Temple: महाबोधि मंदिर में आई दरारें, वर्ल्ड हेरिटेज साइट की संरचना पर संकट


Bihar News: Cracks appear in Mahabodhi Temple, threat to structure of World Heritage Site

महाबोधि मंदिर में दरारें आने के बाद उखड़ रहा प्लास्टर
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


विश्व धरोहर स्थल महाबोधि मंदिर, जहां भगवान बुद्ध को ज्ञान की प्राप्ति हुई थी, की संरचना पर संकट मंडरा रहा है। मंदिर के विभिन्न हिस्सों में दरारें और प्लास्टर गिरने की घटनाएं सामने आई हैं। यहां तक कि लोहे की सरिया भी दिखने लगी है। यह स्थिति लाखों श्रद्धालुओं, पर्यटकों और बौद्ध भिक्षुओं के लिए चिंता का कारण बन गई है। 

 

महाबोधि मंदिर की ऐतिहासिक और धार्मिक महत्ता

महाबोधि मंदिर भारत के सबसे महत्वपूर्ण बौद्ध धार्मिक स्थलों में से एक है। इसे 2002 में यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज सूची में शामिल किया गया था। यह मंदिर बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए एक पवित्र तीर्थस्थल है। हर साल यहां देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं। 

 

मंदिर में दरारें: गंभीर मुद्दा

मंदिर प्रबंधकारिणी समिति (BTMC) की सचिव डॉ. महाश्वेता महारथी ने स्वीकार किया कि संरचना में दरारें आना चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि दीवारों से प्लास्टर गिर रहा है और लोहे की सरिया नजर आ रही है। यह स्थिति मंदिर की छवि को धूमिल कर सकती है। 

 

मरम्मत का लंबित प्रोजेक्ट

2014 में पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (ASI) को एक प्रोजेक्ट भेजा गया था, जिसमें मंदिर की रेलिंग को फिर से पत्थर से बनाने का प्रस्ताव था। यह प्रोजेक्ट अब तक लंबित है। 

 

स्थानीय क्षमताओं की कमी

BTMC के पास मंदिर की संरचना की मरम्मत के लिए आवश्यक विशेषज्ञता और संसाधन नहीं हैं। ऐसे कार्य पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा किए जाते हैं। 

 

पूर्व पुजारी ने प्रबंधकारिणी समिति पर साधा निशाना

महाबोधि मंदिर के पूर्व मुख्य पुजारी भंते सत्यानंद ने प्रबंधकारिणी समिति को इस स्थिति के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि दरारें पहले भी आई थीं, लेकिन उनकी केवल सतही मरम्मत की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए, तो मंदिर को गंभीर क्षति हो सकती है। 

 

प्रशासन की कैसी रही भूमिका

BTMC के अध्यक्ष जिला अधिकारी (DM) होते हैं। मंदिर की संरचना में आए बदलावों और समस्याओं की जानकारी ASI को दी जा चुकी है। अब संबंधित विभाग को जल्दी से कदम उठाने की आवश्यकता है। 

 

विशेषज्ञों का मत

विशेषज्ञों का कहना है कि महाबोधि मंदिर जैसी धरोहर स्थलों की संरचना समय के साथ कमजोर हो जाती है। नियमित और उचित देखभाल आवश्यक है। इसके लिए:-

1. विशेषज्ञ मरम्मत पुरातत्व विभाग को शीघ्रता से कार्रवाई करनी चाहिए। 

2. स्थायी समाधान प्लास्टर ऑफ पेरिस जैसे अस्थायी समाधानों के बजाय संरचनात्मक मजबूती के लिए पारंपरिक और दीर्घकालिक उपाय अपनाए जाने चाहिए। 

 

मंदिर की सुरक्षा पर सवाल

महाबोधि मंदिर की मौजूदा स्थिति न केवल इसकी ऐतिहासिक महत्ता को खतरा पहुंचा रही है, बल्कि इससे बड़ी दुर्घटना की संभावना भी बढ़ गई है। सरकार और संबंधित विभागों को इस मुद्दे पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। समय रहते समाधान नहीं हुआ तो विश्व धरोहर स्थल के संरक्षण पर गंभीर सवाल खड़े हो सकते हैं।

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