राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 10वीं कक्षा का परिणाम आगामी एक-दो दिनों में जारी किया जाना है, लेकिन उससे पहले ही बोर्ड की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक वीडियो ने न केवल बोर्ड की प्रतिष्ठा को प्रभावित किया है, बल्कि लाखों छात्रों के भविष्य को लेकर चिंता भी बढ़ा दी है। वीडियो में एक व्यक्ति किराने की दुकान पर बैठकर बोर्ड की उत्तरपुस्तिकाएं जांचता नजर आ रहा है, जोकि नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है।
वायरल वीडियो करीब एक मिनट 20 सेकंड का है, जिसमें एक व्यक्ति संस्कृत विषय की कॉपियां जांचता दिखाई देता है। इस दौरान वह दुकानदारी भी करता है और ग्राहकों को सामान भी बेच रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि वह उत्तर पुस्तिकाओं के अंदर दिए गए नंबरों को ऊपर लिख रहा है, जोकि अंकों के टोटल का काम है। बताया जा रहा है कि यह घटना डीडवाना-कुचामन सिटी जिले के एक गांव की बताई जा रही है। चौंकाने वाली बात यह है कि वीडियो में जो व्यक्ति कॉपी जांच रहा है, वह शिक्षक नहीं है। यह गोपनीयता भंग करने का गंभीर मामला है, क्योंकि बोर्ड की उत्तर पुस्तिकाएं बेहद संवेदनशील दस्तावेज होती हैं और इनकी जांच केवल अधिकृत परीक्षकों द्वारा ही की जानी चाहिए।
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इस संबंध में जब राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के सचिव कैलाश चंद्र शर्मा से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि यह वीडियो करीब एक सप्ताह पहले बोर्ड के संज्ञान में आया था। इसके बाद तत्काल जिला शिक्षा अधिकारी से रिपोर्ट तलब की गई। जांच में सामने आया कि दुकान पर बैठा व्यक्ति किसी परिचित शिक्षक द्वारा जांची गई उत्तर पुस्तिकाओं के अंकों का जोड़ करने का काम कर रहा था। यह कार्य भी गोपनीयता उल्लंघन की श्रेणी में आता है।
शर्मा ने आगे बताया कि जैसे ही यह मामला सामने आया, संबंधित उत्तर पुस्तिकाएं अन्य परीक्षकों से दोबारा जांच करवाई गईं। इसके साथ ही शिक्षा निदेशालय, बीकानेर को इस मामले में संबंधित शिक्षक के विरुद्ध कार्रवाई करने के लिए पत्र भी भेजा गया है। यह घटना न केवल बोर्ड की व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है, बल्कि छात्रों और अभिभावकों के विश्वास को भी ठेस पहुंचाती है। ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई कर पारदर्शिता और निष्पक्षता को पुनः स्थापित करने की आवश्यकता है।
सवाई माधोपुर से भी भी आया था नकल का वीडियो
राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के मलारना स्टेशन स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया था, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था। यह वीडियो अप्रैल महीने में आयोजित दसवीं बोर्ड परीक्षा का बताया गया था, वीडियो में स्कूल के शिक्षक खुद विद्यार्थियों को उत्तर (अ, ब, स, द) बताते नजर आ रहे थे। हैरानी की बात यह है कि परीक्षा में नकल रोकने के लिए नियुक्त किए गए फोटोग्राफर भी छात्रों को उत्तर बता रहे हैं और नकल कराने में सहयोग कर रहे थे।
वीडियो में स्पष्ट देखा जा सकता था कि छात्र खुलेआम एक-दूसरे की उत्तर पुस्तिकाएं बदल रहे हैं और आपस में उत्तर पूछते नजर आ रहे हैं। इस खुलेआम नकल की घटना ने शिक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। वीडियो वायरल होते ही शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। जिला शिक्षाधिकारी माध्यमिक हरकेश मीना ने तुरंत एक जांच समिति का गठन कर जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने कहा था कि वीडियो की सत्यता की जांच की जा रही है और जो भी शिक्षक या कर्मचारी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।