Chittorgarh: Umeshnath Maharaj Said Statements Like ‘hindus Are Violent’ Lead To Rebellion – Amar Ujala Hindi News Live – Chittorgarh:उमेशनाथ महाराज बोले
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![Chittorgarh: उमेशनाथ महाराज बोले- 'हिंदू हिंसक' जैसे बयान से होते हैं विद्रोह, इनके खिलाफ आवाज उठाने की जरूरत Chittorgarh: Umeshnath Maharaj said statements like 'Hindus are violent' lead to rebellion](https://staticimg.amarujala.com/assets/images/2024/07/08/sasatha-blyaga-umashanatha-maharaja_93d5bc8a78a36b3bfc07c5d7c4b32101.jpeg?w=414&dpr=1.0)
सांसद बालयोगी उमेशनाथ महाराज।
– फोटो : अमर उजाला
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मध्य प्रदेश में उज्जैन स्थित वाल्मीकि पीठाधीश्वर और राज्यसभा सांसद बालयोगी उमेशनाथ महाराज सोमवार दोपहर में चित्तौड़गढ़ पहुंचे। यहां सर्किट हाउस में उनका स्वागत किया गया। मीडिया की ओर से पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने नाम लिए बिना कांग्रेस नेता राहुल गांधी के हिन्दू हिंसक वाले बयान की निंदा की।
उन्होंने कहा कि जब कोई भी व्यक्ति इस तरह की सोच, विचारधारा का खड़ा होता है तो हम सभी भारतीय सनातन परंपरा के लोगों को उसका मुकाबला करना चाहिए। वह पहले भी इस तरह की बातें कर चुके हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि हिंदू तो कोरोना की तरह हैं। अब हम सभी को मिलकर इसका विरोध करना चाहिए। अपने-अपने क्षेत्र में इस वक्तव्य के विरोध में आंदोलन करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि वो स्वयं सनातन परंपराओं के साथ एक जनप्रतिनिधि भी है। इस नाते कहूंगा कि इस तरह की बयानबाजी से समाज में विद्रोह खड़े होते हैं। इस तरह की बयानबाजी से हम सभी को बचना चाहिए। वहीं, उन्होंने मणिपुर में जारी हिंसा पर कहा कि इस तरह के हालतों को देख कर ही इस यात्रा का संकल्प बनाया है कि जिस तरह एक राज्य में आग लग रही है तो उसकी आग की चिंगारी दूसरे राज्यों में नहीं पहुंचे।
हम सभी को जागरूक होने की जरूरत है। इस तरह की जो घृणित स्थिति मणिपुर में है, हम सभी को ध्यान में रखते हुए काम करना चाहिए कि इस तरह की स्थिति दूसरे राज्यों में नहीं आने देंगे। हम सभी को बहुत सतर्क रहने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में सामाजिक समरसता की बातें तो बहुत से लोग करते हैं, चर्चा भी बहुत लोग करते हैं, लेकिन सिर्फ वाणी से किसी का कल्याण नहीं हो सकता। इस पर अब अमल करना आवश्यक हो गया है।
विगत 50 वर्षों से वे ‘जाति पंथ संप्रदाय छोड़ें और राष्ट्र को जोड़ें’ नामक एक आंदोलन पर कार्य कर रहे हैं। इसके अंतर्गत अधिक से अधिक समाजिक समरसता को कायम करना उनकी पहली प्राथमिकता है। इधर, सर्किट हाउस में पीसीसी सचिव रणजीत लोठ के नेतृत्व में कई लोगों ने वाल्मीकि संत का स्वागत किया।