Chhath Puja: व्रतियों का निर्जला उपवास समाप्त, उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया, सुरक्षा के रहे व्यापक इंतजाम


महिलाएं
– फोटो : अमर उजाला
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मधुबनी जिले में लोक आस्था का महापर्व छठ के चौथे दिन छठ व्रतियों ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य अर्पण कर छठ पर्व का समापन किया। चार दिवसीय आस्था महापर्व के अंतिम दिन श्रद्धालुओं ने उदीयमान सूर्य को अर्घ्य दिया। इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास समाप्त हुआ।
महापर्व छठ का आज समापन हो गया। जिले में शांतिपूर्ण सौहार्द वातावरण में यह पर्व मनाया गया। कमला बलान नदी के परतापुर घाट, पिपरा घाट कंदरपी घाट पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित होकर भगवान सूर्य को अर्घ्य अर्पण किया। वहीं, झंझारपुर थाना क्षेत्र के कमला बलान नदी के परतापुर घाट पर ग्रामीणों ने बास चंदा कर चचरी पुल बनाकर पर्व मनाए। चचरी के सहारे नदी पार कर छठ पर्व सैकड़ों की संख्या में पहुंचकर छठ पर्व मनाए, जिसको लेकर काफी खतरा भी बना रहता है।
पूजा कमेटी के सदस्य नजर बनाए रहते हैं। कतारवध कर लोगों को जाने की अनुमति दी जाती है, ताकि किसी प्रकार की अप्रिय घटना न हो। कमला पूजा कमेटी के सदस्य के साथ-साथ प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट मोड में रहती है। जिला प्रशासन के द्वारा प्रतापपुर घाट पर भारी पुलिस बल तैनात की गई थी।
सुरक्षा के दृष्टिकोण से पुलिस बल, मजिस्ट्रेट और गोताखोर एसडीआरएफ की टीम की तैनाती की गई थी। एसडीआरएफ की टीम पूरी तरह से अलर्ट दिखी और नाव लेकर चक्कर लगाते नजर आए। कमला बलान नदी के परतापुर घाट पर चचरी पुल काफी संवेदनशील रहता है, नदी में पानी आ जाने के बाद यहां हादसे का डर रहता है।
झंझारपुर नगर परिषद के कमला नदी के परतापुर घाट पर यह चचरी पुल बनाया जाता है। प्रत्येक साल यह चचरी पुल पर्व के लिए बनाया जाता है। भारी संख्या में श्रद्धालु यहां छठ पर्व मनाने दूर-दूर से आते हैं। भक्तों के मनोरंजन के लिए कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया था। झंझारपुर नगर परिषद का परतापुर घाट कमला नदी के किनारे बसा है। परतापुर घाट लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा के लिए पौराणिक घाट है। यहां सैकड़ों की संख्या में छठ व्रती डूबते और उगते सूर्य को अर्घ्य देते हैं। तटबंध के सटे पानी के बहाव होने के कारण धार से पश्चिम जाकर अर्घ्य देना मजबूरी हो गया है। इसके लिए हर साल चचरी पुल बनाया जाता है, इस साल दो हजार से अधिक लोग पहुंचे। इस स्थान पर कमला पूजा का भी भव्य आयोजन किया जाता है।
वार्ड पार्षद गंगा यादव ने बताया कि ग्रामीणों के सहयोग से बास चंदा के रूप में दिया जाता है। नदी पार कर छठ पर्व बनाते हैं। वहीं, कमला पूजा और कमेटी के उपाध्यक्ष विश्वनाथ मंडल ललन यादव ने बताया, कमल वाला नदी में पानी होने के कारण चचरी बनाकर हम लोग पर इस पर आकर मानते हैं। करीब 2500 की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। झंझारपुर प्रतापपुर अन्य गांव से भी लोग यहां पहुंचते हैं।
प्रशासन के द्वारा सहयोग किया जाता है। वहीं, छठ व्रत के दिन प्रशासन अलर्ट मोड में दिखती है। पुलिस बल मजिस्ट्रेट एसडीआरएफ टीम गोताखोर टीम की तैनाती भी की जाती है। कुछ वर्ष पूर्व पटना में हादसा होने के बाद प्रशासन के द्वारा सख्त व्यवस्था की जाती रही है। स्थानीय लोगों के सहयोग से नदी में जलस्तर बढ़ते ही नाव की व्यवस्था की जाती है।