Published On: Thu, Nov 7th, 2024

Chhath: ऑस्ट्रेलिया से बिहार आकर ममता ने मनाई छठ पूजा, कहा- भगवान भास्कर का आशीर्वाद और वतन का सुकून अनमोल है


Chhath Puja 2024 Mamta Gupta celebrate Puja in jehanabad returning from Australia Know full story in Hindi

ममता गुप्ता ने जहानाबाद में की छठ पूजा
– फोटो : अमर उजाला

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महान पवित्र पर्व छठ एक ऐसा पर्व है जिसकी छटा देश ही नहीं बल्कि विदेश में भी गूंजती है। यही कारण है कि जहानाबाद की पीली कोठी की रहने वाली ममता गुप्ता छठ पर्व पर हजारों किलोमीटर दूर ऑस्ट्रेलिया से जहानाबाद पहुंच गईं और छठ पूजा में भाग लिया। साथ ही छठ पूजा के दौरान पवित्र ढंग से बनाए जा रहे पकवान बनाने में साझेदार बनीं। ममता गुप्ता ने बताया कि छठी मैया की कृपा होती है कि हम प्रत्येक वर्ष ऑस्ट्रेलिया से जहानाबाद पहुंच जाते हैं। फिर पूरे विधि विधान के साथ छठ पर्व में भाग लेकर छठ वृतियों को सहयोग करते हैं।

ऑस्ट्रेलिया में रहने वाली ममता गुप्ता छठ पर्व मनाने के लिए अपने परिवार के साथ जहानाबाद पहुंचीं है। बता दें कि ममता की शादी पश्चिम बंगाल के बर्दवान में विनोद गुप्ता से हुई थी। शादी के कुछ समय बाद विनोद को ऑस्ट्रेलिया में इंजीनियर के पद पर जॉब मिल गया, जिसके बाद वह पूरे परिवार सहित वहां जाकर बस गए।

 

हालांकि ममता का परिवार जहानाबाद में रहता है। जहानाबाद में ममता का मायके है और वह इस पारंपरिक पर्व में शामिल होने के लिए हर संभव प्रयास करती हैं। इस बार उनकी भाभी जूही गुप्ता और मामा त्रिभुवन प्रसाद (जो पीएमसीएच में डॉक्टर हैं) छठ पूजा कर रहे हैं। उन्होंने ममता को पर्व में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया। ममता ने छठ की महत्ता को समझते हुए 18 घंटे का सफर तय कर ऑस्ट्रेलिया से जहानाबाद तक का सफर किया। 

ऑस्ट्रेलिया से छठ मनाने जहानाबाद पहुंचीं ममता गुप्ता आस्था और संस्कृति के प्रतीक छठ पूजा को तहे दिल से मनाती हैं। ममता का कहना है कि यह पर्व न केवल आस्था का प्रतीक है, बल्कि अपनी संस्कृति से जुड़े रहने का भी अवसर है। विदेश में भी छठ पूजा होती है, लेकिन जहानाबाद में इसे मनाने का एक अनोखा और अद्भुत अनुभव है। उन्होंने बताया कि भले ही इसमें अधिक पैसे खर्च होते हों, लेकिन भगवान भास्कर का आशीर्वाद और अपने वतन का सुकून हर कीमत पर अनमोल है।

 

गौरतलब है कि छठ पूजा में सूर्य देव की आराधना की जाती है। ममता के मुताबिक, उनके लिए यह एक महत्वपूर्ण समय होता है और वह हर बार इसमें शामिल होने का प्रयास करती हैं। उनके इस कदम से स्पष्ट है कि चाहे लोग दुनिया में कहीं भी हों, अपनी संस्कृति और परंपराओं से जुड़ाव बनाए रखना आवश्यक है। ऑस्ट्रेलिया से जहानाबाद पहुंचने के बाद छठ पूजा में भाग लेने वाली ममता की चर्चा हर जगह पर हो रही है।

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