Published On: Thu, Dec 12th, 2024

Cheetah Corridor: PM मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल हुआ करौली, चौतरफा विकास से मिटेगी जिले की बदहाली



करौली. देश के सबसे बड़े चीता कॉरिडोर में राजस्थान के करौली जिले को भी जोड़ा गया है. इससे अब करौली जिले को नई पहचान और यहां की कैलादेवी टाइगर रिजर्व सेंचुरी में भी चौतरफा विकास का रास्ता निकलेगा. कैलादेवी वन्यजीव अभ्यारण को भारत के सबसे बड़े चीता कॉरिडोर में जगह मिलने से इस सेंचुरी के दिन अब जल्द ही फिरने वाले हैं. मध्यप्रदेश, राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे देश के तीन बड़े राज्यों को मिलाकर सबसे बड़ा चीता कॉरिडोर बनाया जाएगा. जानकारी के अनुसार दिसंबर महीने में ही  राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच इसके लिए MOU होने वाला है. यह चीता कॉरिडोर 1500 से 2000 किलोमीटर के क्षेत्र में बनाया जाएगा. इसमें इन तीनों राज्यों के 22 जिलों को शामिल किया गया है.

चीता कॉरिडोर में करौली को मिली जगह 
देश के इस सबसे बड़े चीता कॉरिडोर में राजस्थान के 10 जिलों को खासतौर से शामिल किया गया है. इन 10 जिलों में करौली का नाम भी शामिल है. इस सबसे बड़े चीता कॉरिडोर में करौली जिले को भी जगह मिलने से यहां की कैलादेवी सेंचुरी और टाइगर रिजर्व में पर्यटक आने वाले समय में चीता का भी दीदार  कर सकेंगे.

जिले के लिए गौरव की बात: DFO

करौली जिले के उपवन संरक्षक पीयूष शर्मा का कहना है कि करौली जिले की कैलादेवी सेंचुरी में टाइगर तो पहले से ही है. लेकिन इस सेंचुरी से चीता का आना जिले के लिए बहुत बड़ी गौरव की बात होगी.

पहले से ही है टाइगर रिजर्व 
डीएफओ पीयूष शर्मा ने लोकल 18 से खास बातचीत में कहा कि करौली जिला टाइगर रिजर्व तो पहले से ही है. यहां की कैलादेवी सेंचुरी रणथंभौर टाइगर रिजर्व का ही पार्ट है. धौलपुर-करौली टाइगर रिजर्व भी यहां पर हैं. उन्होंने बताया कि इस सेंचुरी में टाइगर के होने का सौभाग्य तो है ही है लेकिन साथ में अगर इस सेंचुरी में चीता भी आ गया तो यह करौली जिले और कैलादेवी देवी सेंचुरी के लिए गर्व की बात है.

प्रधानमंत्री का भी एक ड्रीम प्रोजेक्ट
डीएफओ पीयूष शर्मा ने बताया कि चीता अभी नेशन प्राइड भी है और प्रधानमंत्री जी का भी एक ड्रीम प्रोजेक्ट है. ऐसे में करौली जिले का देश के सबसे बड़े चीता कॉरिडोर से जुड़ना और चीते का यहां आना और चीता का रहवास बनना, करौली जिले के लिए बहुत बड़ी गर्व की बात होगी.

टूरिज्म होगा डेवलप, रोजगार के भी नए अवसर

करौली जिले में खनन कार्य के अलावा रोजगार की भी कोई बड़े अवसर नहीं है. औद्योगिक दृष्टि से भी करौली राजस्थान का एक पिछड़ा हुआ जिला है. लेकिन अब देश की सबसे बड़े चीता कॉरिडोर में करौली जिले के शामिल होने से अब यहां टूरिज्म के क्षेत्र में काफी विकास होगा. इससे रोजगार के भी नए-नए अवसर खुलेंगे. एक तरह से करौली की कैलादेवी सेंचुरी और करौली धौलपुर टाइगर रिजर्व में चीते का आना मील का पत्थर साबित होगा.

Tags: Asiatic Cheetah, Forest department, Karauli news, Local18, PM Modi

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