Changes made in the import-export policy of gram | चने की आयात–निर्यात नीति में किए बदलाव: विदेशी चने पर आयात शुल्क बढ़ाने से राजस्थान में इसकी खेती और बढ़ेगी, अभी देश का तीसरा सबसे बड़ा चना उत्पादक राज्य – Bharatpur News

केंद्र सरकार की ओर से चने की आयात–निर्यात नीति में किए गए बदलाव से प्रदेश के लाखों किसानों को फायदा मिलेगा। सरकार ने चने पर 10 प्रतिशत आयात शुल्क लागू करने का फैसला किया है। आयात शुल्क लगाने के कारण अब विदेश से सस्ता चना नहीं आ पाएगा। इससे राजस्थान क
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कृषि अग्रिम अनुमान के अनुसार चने का उत्पादन 115 लाख मीट्रिक टन से अधिक होगा, जबकि पिछले साल 110 लाख मीट्रिक टन उत्पादन हुआ था। इसमें मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र के बाद राजस्थान का चना उत्पादन में तीसरा स्थान है। किसानों को उत्पादन के अच्छे दामों के लिए लागत पर 50 प्रतिशत लाभ देकर न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाता है। अब किसानों की आमदनी में सुधार के लिए आयात–निर्यात नीति में बदलाव किया गया है। चने के साथ मसूर पर भी आयात शुल्क लगाया गया है।
इससे किसानों का रुझान दलहन की ओर बढ़ेगा। प्रदेश में 17.7 लाख हेक्टेयर में चने की खेती हो रही है। इसमें चूरू में सबसे ज्यादा 3.2 लाख हेक्टेयर खेती होती है। दूसरे स्थान पर जैसलमेर में 1.2 लाख हेक्टेयर खेती है। वहीं, हनुमानगढ़ में 1.11 लाख हेक्टेयर, चित्तौड़गढ़ में 1 लाख हेक्टेयर, पाली में 87 हजार हेक्टेयर, केकड़ी में 84 हजार हेक्टेयर में बुवाई होती है। उत्पादन के लिहाज से टोंक 1,860 किलो प्रति हेक्टेयर के साथ पहले स्थान पर है।
सवाई माधोपुर, कोटा, दौसा और गंगापुर सिटी अच्छे उत्पादन वाले क्षेत्रों में हैं। हाल ही में श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वव द्यालय जोबनेर के कृषि वैज्ञानिकों द्वारा विकसित चने की नई किस्म से भी फायदा होगा। दरअसल, खरीफ फसलें लेने में देरी के कारण बहुत से किसान समय पर चने की बुवाई नहीं कर पाते हैं। इस समस्या के निवारण के लिए नई किस्म “करण चना 20′ विकसित की गई है।
देश में चने का सर्वाधिक उत्पादन एमपी में
भारत में मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा खेती की जा रही है। यहां गत वर्ष 29.14 लाख मिट्रिक टन चने का उत्पादन हुआ। यहां मध्यम भारी मिट्टी अनुकूल रहती है। दूसरे नंबर पर महाराष्ट्र है। यहां 28.36 लाख मिट्रिक टन और तीसरे नंबर पर राजस्थान में 19.19 लाख मिट्रिक टन चने का उत्पादन हुआ है। टॉप फाइव राज्यों में राजस्थान के बाद गुजरात में 10.66 और यूपी में 7.86 लाख मिट्रिक टन चना उत्पादन हुआ। भारत में मांग के मुकाबले में पूर्ति नहीं हो रही। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया सहित कई देशों से इसका आयात कराना पड़ रहा है।