Published On: Wed, Nov 6th, 2024

Canada: ‘कनाडा में खालिस्तानी अलगाववादी जो चाहें कर सकते हैं’, पूर्व पुलिस अधिकारी के ट्रूडो सरकार पर आरोप


Khalistani separatists can do whatever they want in Canada', former Toronto police officer expressed concern

पूर्व टोरंटो पुलिस सर्जेंट डोनाल्ड बेस्ट
– फोटो : ani

विस्तार


कनाडा में इन दिनों खालिस्तानी आतंकियों के बढ़ते आतंक को देखते हुए पूर्व टोरंटो पुलिस अधिकारी डोनाल्ड बेस्ट ने चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के शासन के बाद से कनाडा में बड़े बदलाव हुए हैं, और इसके कारण आवास, अर्थव्यवस्था, और सामाजिक सेवाओं पर नकारात्मक असर पड़ा है। बेस्ट का कहना है कि खालिस्तानी अलगाववादियों को कनाडा में बहुत ज्यादा राजनीतिक स्थान मिल गया है, और वे जो चाहते हैं, वह कर पा रहे हैं।

भारत की चिंता को बताया सही

एक इंटरव्यू में डोनाल्ड बेस्ट ने भारत के उन चिंताओं को सही ठहराया, जिनमें क़लिस्तानी अलगाववादियों के बढ़ते प्रभाव पर चिंता व्यक्त की गई थी। उन्होंने कहा कि कनाडा की सरकार और उनके साथ जुड़े लोग क़लिस्तानी अलगाववादियों के प्रति नरम रुख अपनाए हुए हैं।

बेस्ट ने ट्रूडो की नीतियों की आलोचना की

डोनाल्ड बेस्ट ने ट्रूडो की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा कि कनाडा में इन बदलावों के कारण बहुत हलचल मच गई है। कनाडा की कुल जनसंख्या लगभग 4 करोड़ है, और पिछले एक-दो साल में 5 प्रतिशत लोग नए इमिग्रेंट के रूप में आए हैं। इसके कारण जनसंख्या पर दबाव बढ़ा है और कई सेवाओं पर असर पड़ा है। बेस्ट ने कहा कि क़लिस्तानी अलगाववादी और सिख समुदाय ने कनाडा के विभिन्न स्तरों पर, जैसे नगर निगम, प्रांतीय और राष्ट्रीय स्तर पर, अधिक शक्ति और प्रभाव हासिल किया है। 

डोनाल्ड बेस्ट ने कहा कि खालिस्तानी अलगाववादियों ने हिंदू सभा मंदिर में पूजा कर रहे कुछ लोगों पर शारीरिक हमला किया। उन्होंने कहा कि रविवार को ब्रैम्पटन में मंदिर के बाहर क़लिस्तानी प्रदर्शनकारी जोर-शोर से प्रदर्शन कर रहे थे, जो कनाडा में एक आपराधिक अपराध है, क्योंकि धार्मिक आयोजनों को विघटित करना कानूनी रूप से मना है। उन्होंने बताया कि कई वीडियो में देखा गया कि ये प्रदर्शनकारी मंदिर के परिसर में भी घुस आए थे और उन्होंने कई भक्तों को शारीरिक रूप से हमला किया था।

उन्होंने कहा कि कुछ महीने पहले, अल्बर्टा में एक परेड के दौरान खालिस्तानी अलगाववादियों ने उन आतंकवादियों की तस्वीरें प्रदर्शित कीं, जिनको भारत ने अपराधी घोषित किया है और जो हत्या के आरोपों में शामिल हैं। यह स्थिति कनाडा के आम नागरिकों और भारतीय समुदाय के लिए परेशान करने वाली है।

बेस्ट ने उठाए सवाल

बेस्ट ने कनाडा की इमिग्रेशन नीति पर भी सवाल उठाया, यह आरोप लगाते हुए कि कनाडा में नए इमिग्रेंट्स की कोई सही जांच नहीं होती है, और कई लोग अपराधी होते हैं या भारत जैसे देशों से भागे हुए होते हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के लोग कनाडा में शरण लेने आते हैं और यहां क़लिस्तानी अलगाववादी आंदोलन को बढ़ावा देते हैं।

भारत और कनाडा का रिश्चता

भारत और कनाडा के रिश्तों में हाल ही में काफी तनाव आया है। भारत ने कनाडा में क़लिस्तानी अलगाववादियों की गतिविधियों पर गहरी चिंता जताई है और कनाडा से इन गतिविधियों के खिलाफ ठोस कदम उठाने की मांग की है।  हाल ही में, ब्रैम्पटन स्थित हिंदू सभा मंदिर में क़लिस्तानी तत्वों द्वारा किए गए हमले की कड़ी निंदा की गई है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस हमले की आलोचना की और कनाडा से उम्मीद की कि वे इस मामले में न्याय सुनिश्चित करेंगे।

 

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