By-election 2024: Gudha’s Entry May Spoil Congress’s Electoral Mathematics, Bjp Has Nothing To Lose – Jhunjhunu News
राजस्थान
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पिछले चार विधानसभा चुनावों से लगातार शिकस्त झेल रही भाजपा इस बार उपचुनावों में जीत के लिए जी-तोड़ प्रयास कर रही है। उधर कांग्रेस ने ओला परिवार पर विश्वास जताते हुए परिवार की तीसरी पीढ़ी को टिकट देकर चुनाव मैदान में उतारा है। मामला दोनों ही पार्टियों तक सीमित रहता तो ठीक था लेकिन पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने यहां से निर्दलीय ताल ठोंककर चुनावी समीकरणों को त्रिकोणीय संघर्ष में बदल दिया है।
गौरतलब है कि सांसद बृजेंद्रसिंह ओला के बेटे अमित ओला यहां चुनाव लड़ रहे हैं, जिसे लेकर विरोधी परिवारवाद को मुद्दा बना रहे हैं। यहां तक कि अल्पसंख्यक वोटरों में भी कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर नाराजगी दिखाई दे रही है। अब अल्पसंख्यक युवा मुखर होकर नई राह चुनने की बात कर रहे हैं। यदि यह नाराजगी कहीं और वोट में तब्दील हो गई तो कांग्रेस के समीकरण बिगाड़ सकती है। उधर निर्दलीय प्रत्याशी राजेंद्र सिंह गुढ़ा अल्पसंख्यकों के साथ-साथ दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के प्रयास में जुटे हैं। उनकी चुनावी सभाओं में जुटी भीड़ वोट में कितनी तब्दील होती है, इसी से झुंझुनू सीट के नतीजे तय होंगे।
यूं तो बृजेंद्र ओला पायलट समर्थक माने जाते हैं लेकिन सचिन के अब तक झुंझुनू नहीं आने से कई तरह की सियासी चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। गौरतलब है कि सचिन दौसा में अपने समर्थक के लिए प्रचार कर चुके हैं। इधर निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ रहे राजेंद्र गुढ़ा को लेकर कांग्रेस पार्षद प्रदीप सैनी ने कहा कि सबको दिखाई दे रहा है कि राजेंद्र सिंह गुढ़ा झुंझुनू क्यों आए हैं, करोड़ों की डील हुई है भाजपा से और यह भी आश्वासन मिला है कि चुनाव परिणाम कुछ भी हो आपका काम नहीं रुकेगा आप तो सिर्फ मुस्लिम समाज को झांसे में लेकर वोट काटें। इधर राजेंद्र भांबू को टिकट देने से नाराज हुए नेता बबलू चौधरी को मनाकर हालांकि बीजेपी ने माहौल अपने पक्ष में करने की कोशिश की है लेकिन फिर भी अंदरखाने एक धड़े में नाराजगी से भीतरघात का खतरा भी सता रहा है।
क्या कहते हैं झुंझुनू के वोटर
शहर में मेडिकल शॉप चलाने वाले हिमांशु शर्मा ने कहा- यह सीट ओला परिवार के वर्चस्व वाली है। जनता ने हर बार उन्हें जिताकर भेजा है लेकिन इस बार हवा उलटी बह सकती है।
कॉस्मेटिक बेचने वाले ताहिर का कहना है कि मेरा वोट तो यहां से जीतती आ रही पार्टी को ही जाएगा। निर्दलीय गुढ़ा भी ठीक लग रहे हैं। वे भी उनका अपना वोट बैंक रखते हैं, इस बार टक्कर देखने लायक होगी।
कपड़ा व्यापारियों ने कहा- 50 साल से नहर लाने के वादे हो रहे हैं, नहर का पानी आंखों में भी नहीं आया। नेताओं की चौथी पीढ़ी आ गई, अगर इस बार बदलाव हो जाए तो ज्यादा ठीक है।
व्यापारी मोहम्मद शाहिद ने कहा- इस बार हम अलग राह चुनेंगे। पहले वाले नेता समझते हैं जैसे मुसलमान तो उनसे चिपके ही रहेंगे।
एक दुकान पर शॉपिंग करने आई गृहिणी ने बताया कि शहर में पार्किंग की समस्या है, पब्लिक टॉयलेट तक नहीं है। इतना बड़ा शहर है लेकिन विकास से अछूता है।
झुंझुनू के मुकेश ने कहा- सबने एक ही पार्टी की चूड़ी नहीं पहन रखी। हर पार्टी को मौका मिलना चाहिए। निर्दलीय राजेंद्र गुढ़ा मुस्लिम वोट तोड़ रहे हैं, इस वजह से कांग्रेस को नुकसान होगा।
क्या कहते हैं जातीय समीकरण
झुंझुनू विधानसभा में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 268913 है। इसमें पुरुष निर्वाचक 140142 और महिला निर्वाचक 128765 हैं। इन सबके बीच यदि जातीय समीकरण देखें तो करीब 67 हजार जाट मतदाताओं के साथ ही
मुस्लिम मतदाता करीब 49 हजार
राजपूत मतदाता करीब 28 हजार
एससी करीब 42 हजार
माली करीब 24 हजार
एसटी मतदाता करीब 3500
ब्राह्मण करीब 20 हजार
वैश्य मतदाता करीब 8 हजार
गुर्जर करीब 4 हजार
कुम्हार करीब 8 हजार
खाती 7 हजार
नाई मतदाता करीब 2 हजार और स्वामी मतदाता करीब 1500 हैं।
झुंझुनू से मो,जावेद की रिपोर्ट