BPSC EXAM: मास्टर डाटाबेस तैयार करेगा बीपीएससी, परीक्षा से पहले अभ्यर्थियों को अपलोड करने होंगे सारे दस्तावेज


बीपीएससी के अधिकारी।
– फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार लोक सेवा आयोग अब अभ्यर्थियों का मास्टर डाटा बेस तैयार करने में जुट गई है। इस डाटा बेस में अभ्यर्थियों की सारी जानकारी उपलब्ध रहेगी। अभ्यर्थियों को परीक्षा से पहले अपने सारे शैक्षणिक योग्यता, आधार कार्ड, आरक्षण से संबंधित कागजात बीपीएससी की साइट पर अपलोड करना होगा। इस डाटा को अपलोड करने के बाद इसमें बदलाव नहीं हो पाएगा। बीपीएससी अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने कहा कि पेपरलीक समेत कई अन्य तरह की गड़बड़ी रोकने की दिशा में बीपीएससी ने बड़ा फैसला लिया है। आयोग अभ्यर्थियों का मास्टर डाटा बेस तैयार करेगी।
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कैसे तैयार होगा डाटा बेस
सबसे पहले आयोग के पास जिन अभ्यर्थियों का डाटा मौजूद है, उसको आयोग अपने डाटा बेस में डालेगी। इसके बाद जिन अभ्यर्थियों ने अब तक बीपीएससी की परीक्षा में नहीं शामिल हुए हैं, उनके लिए विज्ञापन निकाला जाएगा। जो अभ्यर्थी परीक्षा दे चुके हैं या परीक्षा देने वाले हैं, उनके लिए यह विज्ञापन होगा। इनके बाद आयोग की साइट पर जाकर अभ्यर्थियों को अपनी शैक्षणिक योग्याता समेत सभी दस्तावेज अपलोड करने होंगे। एक बार दस्तावेज बीपीएससी की साइट पर अपलोड होने पर इसमें सुधार का मौका नहीं मिलेगा। डाटा अपलोड करने के बाद उन्हें एक यूनिक नंबर दिया जाएगा। अभ्यर्थियों के पर्सनल डिटेल्स ही बीपीएससी मास्टर डाटाबेस तैयार करेगी।
अभ्यर्थियों को इससे क्या फायदा होगा
बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि कई बार अभ्यर्थियों को फॉर्म भरने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्हें बार-बार अपनी शैक्षणिक योग्यता से जुड़े दस्तावेज अपलोड नहीं करने पड़ेगे। बीपीएससी द्वारा दिए गए यूनिक नंबर को आयोग द्वारा ली जाने वाली सभी परीक्षाओं में उपयोग कर सकते हैं। उन्हें फॉर्म भरने के समय केवल परीक्षा का चयन करना पड़ेगा। बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि बीपीएससी यह काम परीक्षा में गड़बड़ी रोकने के लिए कर रही है। इस पर युद्ध स्तर पर कार्य चल रहा है। जल्द ही इसे लागू कर दिया जाएगा। इससे अभ्यर्थियों को फॉर्म भरने में भी आसानी होगी। बीपीएससी के पास भी इन अभ्यर्थियों का डाटा बेस तैयार हो जाएगा।
टीआरई 3 में फर्जीवाड़ा करने के 57 मामले सामने आए
बीपीएससी अध्यक्ष ने कहा कि शिक्षक भर्ती परीक्षा में जो सुधार किए गए थे। जो नियम लागू हुए थे, वह आगामी परीक्षा में भी लागू होंगे। परीक्षा में किसी तरह की गड़बड़ी न हो, इसके लिए आगामी परीक्षाओं में आयोग कई सुधार कर रही है। शिक्षक भर्ती परीक्षा (टीआरई 3) में फर्जीवाड़ा करने के 57 मामले सामने आए। इसमें कई अभ्यर्थी दूसरे की जगह बैठकर परीक्षा दे रहे थे। बाॅयोमीट्रिक जांच के दौरान वह पकड़ा गए।