BPSC Exam: किसान के बेटे चंदन कुमार BPSC में लाए 9वीं रैंक, क्लर्क की नौकरी करते हुए की थी तैयारी

गया जिले के कोयरीबारी मोहल्ला निवासी चंदन कुमार ने बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 69वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा में पूरे बिहार में 9वां स्थान हासिल किया है। चंदन वर्तमान में गया के पोस्ट ऑफिस में क्लर्क के पद पर कार्यरत हैं। उन्होंने अपनी नौकरी के साथ-साथ पढ़ाई करते हुए इस बड़ी उपलब्धि को हासिल किया है। उनकी इस सफलता से पूरे परिवार और इलाके में खुशी की लहर है।
किसान पिता के बेटे ने मेहनत से बदली तकदीर
दरअसल, चंदन कुमार एक साधारण किसान परिवार से आते हैं। उनके पिता अरुण कुमार शर्मा अपने गांव में खेती-बाड़ी करते हैं। सीमित संसाधनों के बावजूद उन्होंने अपने बेटे की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी। चंदन के बड़े भाई एक सरकारी स्कूल में शिक्षक हैं और चंदन की सफलता में उनका अहम योगदान रहा है।
चंदन ने बताया कि मेरे पिता ने हमेशा शिक्षा पर जोर दिया। आर्थिक तंगी होने के बावजूद उन्होंने हमें कभी महसूस नहीं होने दिया। मेरे बड़े भाई ने भी मुझे पढ़ाई में पूरा सहयोग किया। परिवार का यह समर्थन ही मेरी सफलता की नींव है।
नौकरी के साथ पढ़ाई का संयोजन
पोस्ट ऑफिस में क्लर्क की नौकरी करते हुए भी चंदन ने अपनी पढ़ाई में कोई कसर नहीं छोड़ी। वे रोजाना ड्यूटी के बाद घर आकर 5-6 घंटे तक पढ़ाई करते थे। उन्होंने कहा कि अगर आपका बेस मजबूत है और आप नियमित रूप से पढ़ाई करते हैं, तो नौकरी के साथ भी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता हासिल की जा सकती है।
चंदन का कहना है कि उनका प्रशासनिक सेवाओं में जाने का सपना शुरू से ही था। उन्होंने बताया कि मैं लोगों की सेवा करना चाहता था। लोगों के सुख-दुख में शामिल होकर उनकी मदद करने की मेरी हमेशा से इच्छा थी। यही वजह है कि मैंने BPSC की परीक्षा देने का फैसला किया।
परिवार का संघर्ष और प्रेरणा
चंदन के पिता अरुण कुमार शर्मा ने कहा कि शिक्षा ही वह माध्यम है जिससे व्यक्ति अपने जीवन में आगे बढ़ सकता है। उन्होंने बताया कि परिवार की आर्थिक स्थिति हमेशा मजबूत नहीं रही, लेकिन बच्चों की पढ़ाई को लेकर उन्होंने कभी समझौता नहीं किया। अरुण शर्मा ने कहा कि हमने चंदन को हमेशा प्रेरित किया और संस्कारों के साथ शिक्षा पर जोर दिया। यही कारण है कि आज वह इतनी बड़ी सफलता हासिल कर सका है।
सादगी भरा जश्न और बधाइयों का तांता
चंदन की इस सफलता से पूरा परिवार गदगद है। घर पर मिठाइयां बांटकर जश्न मनाया जा रहा है। रिश्तेदार, दोस्त और पड़ोसी लगातार फोन पर बधाई दे रहे हैं। चंदन की उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे इलाके को गौरवान्वित किया है।