Bjp’s Organisational Festival Meeting Held In Shimla, Tandon Said- The Fault Is Not In Evms, But In Rahul Gand – Amar Ujala Hindi News Live – Shimla:शिमला में हुई भाजपा की संगठन पर्व बैठक, टंडन बोले
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भाजपा के हिमाचल प्रदेश संगठन पर्व की प्रदेश स्तरीय बैठक का आयोजन शिमला में किया गया। बैठक की अध्यक्षता भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने की। उनके साथ भाजपा प्रदेश प्रभारी श्रीकांत शर्मा, सह प्रभारी संजय टंडन, नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर, प्रदेश संगठन महामंत्री सिद्धार्थन, महामंत्री डॉ. सिकंदर कुमार, त्रिलोक कपूर, बिहारी लाल शर्मा, प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. राजीव भारद्वाज, संजीव कटवाल और राजीव सहजल विशेष रूप से उपस्थित रहे। बैठक में भाजपा नेता रणधीर शर्मा, विपिन सिंह परमार, पवन काजल, राकेश जमवाल, सुखराम चौधरी, त्रिलोक जमवाल, हंस राज, विनोद कुमार, 17 जिला अध्यक्ष, 74 मंडल अध्यक्ष, जिला प्रभारी भी उपस्थित रहे।
भाजपा सह प्रभारी संजय टंडन ने प्रदेश स्तरीय संगठन पर्व बैठक को संबोधित करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा ईवीएम पर सवाल उठाने पर पलटवार किया है। टंडन ने किया कि खराबी ईवीएम में नहीं, राहुल गांधी में है। कांग्रेस को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में ईवीएम के कारण नहीं, बल्कि उसके नेतृत्व के खराब प्रबंधन के कारण करारी हार का सामना करना पड़ा। खरगे से कहा कि वह ईवीएम को नहीं, बल्कि राहुल को बदलें। वह उनकी जगह किसी अन्य को लाने पर विचार करें। ईवीएम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एनर्जी, विकास और मेहनत के रूप में परिभाषित करते हुए कहा कि कांग्रेस को आरबीएम यानी राहुल का बेकार मैनेजमेंट हरा रहा है।
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे ईवीएम को साइड में रखने की बात कह रहे हैं, जबकि जनता ने कांग्रेस को ही साइड में रख दिया है। झारखंड में कांग्रेस भाजपा से पीछे है और महाराष्ट्र में तो बर्बाद हो गई। ऐसे में कांग्रेस नेताओं के चेहरे पर हताशा और झल्लाहट आना स्वाभाविक है। टंडन ने कि कांग्रेस को न ईवीएम चाहिए, न न्यायपालिका चाहिए, न चुनाव आयोग चाहिए, न ईडी-सीबीआई चाहिए। खरगे का बयान याद दिलाया कि एससी, एसटी, ओबीसी और गरीबों के वोट ईवीएम के कारण खराब हो रहे हैं। कहा कि कांग्रेस पार्टी हर चुनावी राज्य में हाशिए पर पहुंच चुकी है। महाराष्ट्र में भाजपा समर्थित महायुती सरकार ने प्रचंड जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस 288 विधानसभा सीटों में से मात्र 16 सीटें जीत पाई है। यह कांग्रेस के जनाधार के पतन को स्पष्ट करता है।