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नीतीश को लालू के ऑफर पर फडणवीस की टिप्पणी – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
बिहार में सियासी सुगबुगाहट के बीच महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लालू यादव पर कटाक्ष किया है। उन्होंने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के पाला बदलने की अटकलों को लेकर एक सवाल के जवाब में कहा, ‘ऐसी बातों में कोई दम नहीं है, ये मुंगेरी लाल के हसीन सपने ही रहेंगे।’ फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के तमाम घटक दल एकजुट हैं। एनडीए के बीच बिखराव की ताक में लगे विपक्षी दलों के मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे।
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#WATCH | Mumbai: On Lalu Prasad Yadav’s statement that alliance doors are always open for CM Nitish Kumar, Maharashtra CM Devendra Fadnavis says, “The dreams of Lalu Yadav will always remain dreams (Mungeri Lal ke Haseen Sapne hi rahenge). They will never be fulfilled…” pic.twitter.com/4oEq6Jg1wM
गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव ने बीते दिनों एक सवाल के जवाब में कहा था कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए विपक्षी गठबंधन- INDIA के दरवाजे हमेशा खुले हैं। फडणवीस लालू के इसी बयान पर पलटवार कर रहे थे।
नीतीश कुमार पर क्यों टिकी हैं नजरें
यह भी दिलचस्प है कि बिहार में नीतीश कुमार पाला बदलने के कारण अक्सर आलोचकों के निशाने पर रहे हैं। पिछली बार उन्होंने एनडीए का दामन छोड़कर लालू प्रसाद यादव की पार्टी- राष्ट्रीय जनता दल (RJD) से हाथ मिला लिया था। हालांकि, कुछ ही महीने के बाद लालू ने एक बार फिर भाजपा के साथ सरकार बनाने का फैसला लिया। एक और बार खेमा बदलने के सवालों पर नीतीश कई बार कह चुके हैं कि वे दो बार गलतियां कर चुके हैं, अब वे भाजपा के साथ ही बन रहेंगे।
क्या है बिहार का समीकरण, सरकार कितनी मजबूत
बात बिहार विधानसभा के सियासी समीकरणों की की करें तो फिलहाल यहां के 243 सदस्यीय सदन में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी है। बहुमत के लिए 122 सीटों की जरूरत है। सत्तारूढ़ गठबंधन में भाजपा के पास फिलहाल 78 विधायक हैं। गठबंधन में नीतीश कुमार की जदयू (JDU) के पास 45 सीटें हैं। सरकार को पूर्व सीएम जीतन राम मांझी की पार्टी- हम के चार विधायकों और एक निर्दलीय का भी समर्थन हासिल है।
विपक्षी खेमे में कितनी ताकत, सबसे बड़ी पार्टी कौन?
बिहार में विपक्षी खेमा भी बहुत कमजोर नहीं है। विपक्ष में लालू की पार्टी- राजद सबसे बड़ा दल है। राजद के पास 79 विधायक हैं। इसके अलावा कांग्रेस के 19, भाकपा (माले) के 12, भाकपा और माकपा के दो-दो और मजलिस के एक विधायक भी विपक्ष की भूमिका में हैं।