नीतीश कुमार किसी पार्टी के सीएम नहीं हैं। नीतीश कुमार एनडीए के सीएम हैं। उक्त बातें गुरुवार को गया के गोदावरी स्थित आवास पर आईटी मंत्री संतोष कुमार सुमन ने पत्रकारों से कही। वहीं, विजय कुमार सिन्हा द्वारा बिहार में भाजपा की सरकार बनने पर ही अटल बिहारी वाजपेयी को संपूर्ण श्रद्धांजलि मिलेगी के बयान पर उन्होंने कहा, ऐसा नहीं कहा गया। नीतीश कुमार की सरकार की अगुवाई में कहा गया है। मामला स्लिप ऑफ टंग है। इन बातों को इतना उधेड़ना नहीं चाहिए। हम समझते हैं कि बिहार में एनडीए अटूट है। एनडीए में पांच लोग हैं, सभी साथी एकजुट हैं।
प्रदेश अध्यक्ष हैं, वह संयुक्त रूप से 15 जनवरी से बिहार का दौरा करेंगे। बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्रों में सम्मेलन होगा। बिहार में एनडीए चुनाव लड़ रही है। एनडीए के नेता नीतीश कुमार हैं। नीतीश कुमार किसी एक पार्टी के सीएम नहीं हैं। वह एनडीए के सीएम हैं। साल 2025 के होने वाले चुनाव में नीतीश कुमार के चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा। मुखिया भी वही होंगे, इसमें कोई शंका जैसी कोई बात नहीं है।
वहीं, नीतीश कुमार को भारत रत्न देने के सवाल पर आईटी मंत्री ने कहा कि बिहार में जो जंगलराज की कल्पना करते हैं, उस समय लालू प्रसाद यादव की सरकार थी, जिस तरह गुंडाराज हुआ करता था, अराजकता था आए दिन हत्या होती थी। वह नरसंहारों का दौर था। उस दौर से निकालने का श्रेय नीतीश कुमार को है। इन्फ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में आज देखिए कि कितना विकास कर चुके हैं। शांति, विकास आदि सभी क्षेत्रों में विकास हुआ है। हाल ही में बिजनेस समिट हुआ है, जिसमें एक लाख 80 हजार करोड़ का निवेश का प्रस्ताव आया है। आने वाले दिनों में औद्योगिक क्रांति होने वाली है। उस दुर्दशा से बिहार को निकालने का काम किया है तो निश्चित रूप से ऐसे ही लोग को भारत रत्न मिलता है। यह केंद्र सरकार का मामला है, ऐसे में उन्हें भारत रत्न मिलना चाहिए।
छात्रों को कानून हाथ में लेने की जरूरत नहीं, हो रही है जांच
बीपीएससी छात्रों पर लाठीचार्ज पर उन्होंने कहा कि बीपीएससी के जो अभ्यर्थी थे, जिन्हें परीक्षा देना था जो दिए हैं। जो विरोध था, वह आयोग के समक्ष रख चुके हैं। आयोग इस मामले में जांच भी कर रहा है। एक सेंटर को कैंसिल भी किया गया है। जो भी आरोप हैं, उस पर विभाग काम शुरू कर दिया है। अभ्यर्थियों को शांत रहना चाहिए। उग्रता दिखाते हुए कानून को अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए। शांति भंग होगा, निश्चित रूप से पुलिस कार्रवाई करती है।
तेजस्वी यादव ने बीपीएससी छात्रों की पिटाई मामले पर सोशल मीडिया एक्स पर ट्वीट कर कहा कि गुंडों की सरकार छात्रों को भी नहीं बक्शा। इस सवाल पर उन्होंने कहा कि जो खुद शीशे का महल में रहते हैं, वह दूसरे पर पत्थर फेंकता है। जंगलराज के युवराज हैं। उनके समय में क्या होता था, कितने डीएसपी और इंस्पेक्टर बन जाते थे। कैसे कैसे लोग बीपीएससी क्लियर कर लिए थे। उनको तो पीछे झांक कर देखना चाहिए। गुंडाराज और जंगलराज के नेता हैं। वह इस तरह की बात करते हैं। यह शोभा नहीं देता है।
उन्होंने कहा, पहले अपने कलंक को तो मिटा लें। उनके शासनकाल में परीक्षा ही नहीं होता था। घर पर ही लिख दिया जाता था। बिहार की क्या स्थिति थी, उनको पता होना चाहिए। दिल्ली में लोग बोलते थे, कितने में खरीद कर लाए हो। यह उन्हीं की देन है। तेजस्वी यादव को भी संयम बरतना चाहिए। जब नीतीश कुमार के साथ रहते हैं तो उनके प्रेमी हो जाते हैं और जब हटते हैं तो विरोधी हो जाते हैं।यह ड्यूल नीति नहीं चलेगी। सबक लेकर राज्य में घूमना चाहिए।
25 सीट नहीं आएगी राजद को 2025 के विधानसभा चुनाव में
वहीं, आईटी मंत्री ने तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि 10 साल के बाद मौका मिल सकता है। जनता के बीच में जाएंगे तो निश्चित रूप से मौका मिलेगा। उलू-जुलूल बोलने से सत्ता में नहीं आएंगे। 2025 के चुनाव में 25 सीट से भी नीचे रहेंगे और एनडीए बहुमत 200 पार करेंगे। नीतीश कुमार के कार्यों के कायल कभी तेजस्वी यादव भी रहे हैं। सीएम पर टिपण्णी का मतलब बिहार के 14 करोड़ लोगों का अपमान किया है। तेजस्वी यादव यही नहीं सीख पा रहे हैं। फालतू की बात छोड़कर जनता के बीच जाएं। दलित टोले में जाएं, वहां जाकर उनके साथ खाना खाएं। साथ ही लोगों से अच्छे से व्यवहार करें तो निश्चित रूप से जनता उनको भी मौका देगी। लेकिन यह सब सीखने वाले नहीं हैं। लालू प्रसाद यादव तो अब राजनीतिक से थक चुके हैं, संन्यास ले चुके हैं। उनकी बातों को कौन ध्यान देता है।