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सारण रेंज के डीआईजी कर रहे पुलिस ज्यादती मामले की जांच – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
गोपालगंज जिले के गोपालपुर थाना क्षेत्र के बड़हरा गांव में पुलिस अत्याचार के आरोपों की गंभीरता को देखते हुए सारण रेंज के डीआईजी नीलेश कुमार ने रविवार शाम पूरे मामले की जांच की। डीआईजी के साथ एसपी अवधेश दीक्षित, एसडीपीओ प्रांजल कुमार और अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद रहे। जांच के दौरान बड़हरा गांव के पीड़ित परिवारों ने पुलिस पर गंभीर उत्पीड़न और अन्याय के आरोप लगाए। डीआईजी की जांच के बाद गोपालपुर थाना अध्यक्ष आशीष कुमार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।
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पीड़ितों ने सुनाई पुलिस के अत्याचार की कहानी
बड़हरा गांव पहुंचने पर डीआईजी ने पांच पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उनका बयान दर्ज किया। ग्रामीणों ने बताया कि पुलिस ने निर्दोष लोगों को झूठे मामलों में फंसाया और बिना किसी अपराध के जेल भेज दिया। महिलाओं ने पुलिस पर घरों में घुसकर बेरहमी से पिटाई करने और परिवार के सदस्यों को बेवजह गिरफ्तार करने का आरोप लगाया। बृजकिशोर भगत, नरेश भगत और लाल बाबू सिंह के परिजनों ने डीआईजी को विस्तार से घटना की जानकारी दी।
थानाध्यक्ष निलंबित, नए थाना प्रभारी की नियुक्ति
डीआईजी की जांच के बाद गोपालपुर थाना अध्यक्ष आशीष कुमार को निलंबित कर पुलिस केंद्र भेज दिया गया। उनकी जगह मांझा थाने के अपर थानाध्यक्ष धीरेंद्र कुमार कुशवाहा को गोपालपुर का नया थाना प्रभारी नियुक्त किया गया। एसपी अवधेश दीक्षित ने कहा कि थानाध्यक्ष को जमीन विवाद के मामले में लापरवाही और पक्षपातपूर्ण कार्रवाई के लिए निलंबित किया गया है।
ग्रामीणों ने जताया जांच पर असंतोष
हालांकि, डीआईजी की जांच के दौरान कई ग्रामीणों ने असंतोष जताया। शांति देवी, पुनीता कुमारी, जगपति भगत और दिनेश कुमार ने आरोप लगाया कि जांच में सिर्फ उन्हीं घरों का दौरा किया गया, जिन्हें पहले से पुलिस ने चिह्नित कर रखा था। ग्रामीणों का कहना था कि बड़हरा गांव के करीब 50 परिवार पुलिस अत्याचार के शिकार हैं, लेकिन सभी की बात नहीं सुनी गई।
न्यायिक जांच की मांग
ग्रामीणों ने इस मामले में न्यायिक जांच की मांग की। उनका कहना है कि सिर्फ पुलिस द्वारा की गई जांच से न्याय की उम्मीद नहीं की जा सकती। ग्रामीणों ने उपमुख्यमंत्री और मुख्यमंत्री से हस्तक्षेप की अपील की है। उनका मानना है कि मजिस्ट्रेट या न्यायिक स्तर की जांच से ही इस मामले के दोषियों को सजा मिल सकेगी।
डीआईजी ने दिए निष्पक्ष कार्रवाई के संकेत
जांच के बाद डीआईजी नीलेश कुमार ने कहा कि सभी तथ्यों की जांच की जा रही है। पीड़ितों ने अपनी बात खुलकर रखी है और सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए उचित कार्रवाई की जाएगी। डीआईजी ने यह भी स्पष्ट किया कि पुलिस द्वारा जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है, उनके खिलाफ कार्रवाई उनकी निगरानी में की जाएगी।
ग्रामीणों में व्याप्त है आक्रोश
इस घटना ने बड़हरा गांव के लोगों में गहरी नाराजगी पैदा कर दी है। ग्रामीणों का कहना है कि अगर उन्हें न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। इस पूरे घटनाक्रम ने न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, बल्कि प्रशासन के लिए भी बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है। ग्रामीणों को अब न्यायिक प्रक्रिया और सरकार से न्याय की उम्मीद है।