23 साल पहले चुनावी रंजिश के दौरान हुए कातिलाना हमले के मामले में बिहार की एक अदालत ने तीन अभियुक्तों को सजा सुनाई है। यह फैसला औरंगाबाद न्यायालय के जिला जज-8 मनीष जयसवाल की अदालत ने गुरुवार को दिया।
कोर्ट ने तीनों अभियुक्तों को सुनाई सजा
कोर्ट ने गोह थाना कांड संख्या-48/03, एसटीआर संख्या 30/04 और 240/24 के तहत सुनवाई करते हुए तीन अभियुक्तों विजय पासवान, जय पासवान और कृष्णा पासवान को दोषी करार दिया। इन्हें भारतीय दंड संहिता (भादंवि) की धारा 452 में चार साल का सश्रम कारावास और 2,000 रुपये जुर्माना तथा धारा 323 में छह महीने का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई। दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी।
अपर लोक अभियोजक का बयान
अपर लोक अभियोजक प्रदीप कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले में कोर्ट ने दोषी पाए गए अभियुक्तों को एक सप्ताह पहले भी भादंवि की धारा 452 और 323 में दोषी ठहराते हुए बंधपत्र विखंडित कर जेल भेजा था। आज सजा के बिंदु पर सुनवाई के बाद यह फैसला दिया गया।
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पंचायत चुनाव की रंजिश बनी विवाद की जड़
अधिवक्ता सतीश कुमार स्नेही ने बताया कि इस मामले की प्राथमिकी गोह थाना के बेरका निवासी रामरूप दास ने दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में कहा गया था कि 19 मई 2003 को तीनों अभियुक्तों ने मिलकर रामरूप के भांजे सुरेश दास को लाठी-डंडे और मुक्कों से बेरहमी से पीटा था। उन्होंने घर से बाहर खींचकर सिर फोड़ दिया, जिससे वह बेहोश हो गया। इसके अलावा सुरेश की पत्नी राजमोहिनी देवी के दाहिने हाथ को भी तोड़ दिया गया था।
पुलिस ने तुरंत गिरफ्तार किए थे अभियुक्त
इस झगड़े की वजह पंचायत चुनाव की रंजिश बताई गई। पुलिस ने 21 मई 2003 को ही नामजद अभियुक्तों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। 22 साल बाद इस मामले में कोर्ट ने आज सजा सुनाई है।