Published On: Fri, Jul 26th, 2024

Bihar News: सुनील सिंह की सदस्यता रद्द करने पर सियासत, शैलेंद्र प्रताप सिंह बोले- क्षत्रिय समाज चिंतन करे


Bihar News: Politics over cancellation of Sunil Singh membership, Saran Vikas Manch, Kshatriya community, RJD

सुनील सिंह और शैलेंद्र प्रताप सिंह।
– फोटो : सोशल मीडिया।

विस्तार


बिहार विधान परिषद के सदस्य सुनील सिंह के सदस्यता को समाप्त करने के मामले में सारण विकास मंच के संयोजक शैलेंद्र प्रताप सिंह ने दुखद और चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सुनील सिंह को विधान परिषद से तो बर्खास्त किया ही गया है, साथ ही उन्हें बिस्कोमान के चेयरमैन पद से भी हटा दिया गया है। ये दोनों घटनाएं साफ दिखा रही हैं कि मौजूदा व्यवस्था कैसे क्षत्रिय नेताओं के खिलाफ काम कर रही है। शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि सुनील सिंह वो नेता हैं जो अपने सिद्धांतों पर अब तक अडिग रहे हैं और उसी का खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा है। लेकिन मामला सिर्फ सुनील सिंह जी का नहीं है बल्कि उनके जरिए पूरे क्षत्रिय समाज को यह संदेश देने की कोशिश की जा रही है कि सत्ता के विरोध का स्वर हर हाल में कुचला जाएगा। केंद्र और बिहार दोनों ही सरकारों में क्षत्रियों की उपेक्षा का एक दौर शुरू हुआ है और इस दौर में हर उस आवाज को कुचलने की कोशिश की जा रही है, जो विपरीत धारा में आजाद रहना चाहती है। 

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क्षत्रिय नेता को फंसाने की साजिश

सारण विकास मंच के संयोजक ने कहा कि सुनील सिंह  की विधान परिषद की सदस्यता रद्द करने का जो कारण बताया गया है, वो आम जनता के गले तो नहीं उतरता है। बिहार विधानमंडल में पूर्व में ऐसे कई बयान सुने गए हैं और रिकॉर्ड हैं, जिसने विधानमंडल के सदस्यों को ही नहीं पूरे बिहार को शर्मसार किया है। लेकिन तब उन मामलों पर विधानमंडल की किसी आचार समिति ने न कुछ सुना, न  कुछ देखा और न ही उस पर कोई फैसला दिया। लेकिन जैसे ही इस मामले में एक क्षत्रिय नेता को फंसाने की हल्की गुंजाइश दिखी, सभी सुपर सक्रिय हो गए और फैसला ऑन द स्पॉट कर दिया। 

हीनभावना का शिकार भी बनाया जा रहा

शैलेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बिहार में क्षत्रियों को न सिर्फ दंडित किया जा रहा है बल्कि उन्हें सोची समझी रणनीति के तहत हीनभावना का शिकार भी बनाया जा रहा है। लोकसभा चुनाव में मौजूदा एनडीए की सरकार में शामिल पांच क्षत्रिय नेताओं को बिहार की जनता ने जिताया। लेकिन इनमें से किसी को केंद्र में मंत्री नहीं बनाया गया। क्षत्रिय समाज के खिलाफ प्रताड़ना और दुत्कार का दौर चलाने की इन कोशिशों की क्षत्रिय समाज को समीक्षा करनी होगी क्योंकि क्षत्रिय धर्म सम्मान की रक्षा करना और अपमान का प्रतिकार करना है।

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