कांग्रेस नेता राहुल गांधी की एक एडिट की गई तस्वीर को सोशल मीडिया पर वायरल करना भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. अजय आलोक को भारी पड़ता दिख रहा है। इस मामले में बक्सर के कांग्रेस समर्थक और अधिवक्ता राम प्रतीक चौबे ने बक्सर व्यवहार न्यायालय में उनके खिलाफ विधिक परिवाद दाखिल किया है।
परिवाद में आरोप लगाया गया है कि डॉ. अजय आलोक ने राहुल गांधी के साथ खड़ी रायबरेली विधायक अदिति सिंह की तस्वीर से छेड़छाड़ कर, उसमें पाकिस्तानी जासूसी के आरोप में गिरफ्तार महिला ज्योति मल्होत्रा का चेहरा जोड़ दिया। इस फर्जी फोटो को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर 22 मई 2025 को दोपहर 12:45 बजे पोस्ट किया।
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कांग्रेस की छवि खराब करने की साजिश का आरोप
अधिवक्ता राम प्रतीक चौबे स्वयं कांग्रेस के सक्रिय समर्थक हैं और अधिवक्ता राहुल आनंद के जूनियर के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि इस जानबूझकर की गई एडिटिंग से न केवल उन्हें मानसिक आघात पहुंचा है, बल्कि कांग्रेस पार्टी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाने का भी प्रयास किया गया है। उनका कहना है कि यह पूर्व नियोजित साजिश के तहत भ्रामक जानकारी फैलाने का मामला है।
गवाहों की सूची कोर्ट को सौंपी गई
परिवाद में दो गवाहों के नाम भी प्रस्तुत किए गए हैं, जिनमें दीपक कुमार (ग्राम सरेंजा थाना राजपुर) और कन्हैया सिंह (ग्राम बुधनपुरवा थाना बक्सर) शामिल हैं। दोनों गवाहों ने उस वायरल पोस्ट को अपनी आंखों से देखने की पुष्टि की है और कोर्ट में गवाही देने को भी तैयार हैं।
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आईटी एक्ट और बीएनएस के तहत कार्रवाई की मांग
राम प्रतीक चौबे ने अपने परिवाद में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 67 तथा भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 353(1) के अंतर्गत कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि इस तरह की फर्जी और भ्रामक पोस्ट न केवल राजनीतिक माहौल को विषाक्त करती है, बल्कि समाज में भ्रम और वैमनस्य भी फैलाती है।