Bihar News: राजगीर में गूंजे राम नाम के स्वर, नालंदा की धरती से मुरारी बापू ने दिया स्वच्छता का संदेश

प्राचीन ज्ञान की भूमि नालंदा में शनिवार से प्रसिद्ध रामकथा वाचक पूज्य मोरारी बापू की रामकथा का शुभारंभ हो गया। राजगीर के कन्वेंशन सेंटर में आयोजित इस आध्यात्मिक महोत्सव का भव्य उद्घाटन करते हुए मुरारी बापू ने देशवासियों से स्वच्छता और पवित्रता बनाए रखने का आह्वान किया।
राज्य सरकार और विश्वविद्यालय का भव्य स्वागत
मुरारी बापू के राजगीर आगमन पर बिहार के गृह मंत्री नित्यानंद राय, नालंदा विश्वविद्यालय के कुलपति सहित प्रोफेसरगण, विरायतन के आचार्य संप्रज्ञा जी, सांसद कौशलेंद्र कुमार तथा सिख समुदाय एवं बौद्ध धर्म के साधु संतों ने उनका भव्य स्वागत किया। इस अवसर पर सर्वधर्म समभाव की भावना दिखाई दी, जो राजगीर की गंगा जमुनी संस्कृति को दर्शाती है।
मानस नालंदा विश्वविद्यालय’ से शुरुआत
रामकथा के प्रथम दिन मुरारी बापू ने “मानस नालंदा विश्वविद्यालय” कथा गायन से शुरुआत की। उन्होंने कहा कि रामचरितमानस स्वयं में एक संपूर्ण विश्वविद्यालय है, जैसे प्राचीन काल में ऋषि मुनियों के विभिन्न प्रकार के गुरुकुल होते थे जहां लोग शिक्षा ग्रहण करते थे।
प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान की सराहना
मुरारी बापू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वच्छता अभियान की प्रशंसा करते हुए कहा की देश के प्रधानमंत्री ने स्वच्छता अभियान चलाकर लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने का महत्वपूर्ण काम किया है। आज हम सभी मिलकर इस नालंदा की पवित्र धरती से देश की स्वच्छता एवं पवित्रता बनाए रखने का संकल्प लेते हैं।”
धर्म की वास्तविक परिभाषा
अपने प्रवचन में मुरारी बापू ने धर्म की सही व्याख्या करते हुए कहा की धर्म कभी आतंकी नहीं हो सकता। धर्म हमेशा आशीष और आशीर्वाद के रूप में होता है।” उन्होंने हनुमान जी की भक्ति में चार प्रकार की पवित्रता का उल्लेख करते हुए कहा कि आज लोगों में काम की पवित्रता होनी चाहिए।
नालंदा की महत्ता पर प्रकाश
मुरारी बापू ने प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के गौरवशाली इतिहास को याद करते हुए कहा की “प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय हमेशा ज्ञान की भूमि रही है। यह भूमि अपने आप में विशिष्ट है। प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के ग्रंथों को विखंडित कर देने के बाद भी आज नालंदा विश्वविद्यालय की विचारधारा की ध्वजा आज भी फहरा रही है।”
व्यापक आयोजन की रूपरेखा
यह रामकथा कार्यक्रम एक जून तक चलेगा, जिसमें मुरारी बापू श्रीराम के जीवन, मर्यादा, आदर्शों और भक्ति की गहराई पर आधारित कथा सुनाएंगे। रामकथा प्रतिदिन सुबह 10 बजे से दोपहर 1:30 बजे तक चलेगी।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्था
इस कार्यक्रम में देश विदेश से हजारों श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है। आयोजकों और जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं की सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया है। आयोजन समिति द्वारा श्रोताओं के लिए निःशुल्क भोजन व्यवस्था की गई है, जिसमें सुबह का नाश्ता और दोपहर का भोजन सभी को निःशुल्क प्रदान किया जाएगा। साथ ही शुद्ध पेयजल, चिकित्सा सहायता और अन्य आवश्यक सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
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आध्यात्मिक केंद्र बना राजगीर
राजगीर जैसी ऐतिहासिक और आध्यात्मिक नगरी में मुरारी बापू की रामकथा का आयोजन न केवल स्थानीय श्रद्धालुओं बल्कि दूर दराज से आने वाले भक्तों के लिए भी एक विशेष अवसर है। रामकथा के माध्यम से मुरारी बापू लोगों में नैतिक मूल्यों, प्रेम, करुणा और सत्य की भावना जागृत करते हैं। कार्यक्रम के पहले दिन ही पूरे वातावरण में भक्ति और श्रद्धा की भावना देखने को मिली। आसपास के गांवों के ग्रामीण एवं शहर के लोग बड़ी संख्या में भाग लेकर इस धार्मिक वातावरण का लाभ उठा रहे हैं।